में धर्मसभा का आयोजन किया गया है. इस कार्यक्रम में 2 लाख से ज्यादा लोगों के शामिल होने की उम्मीद जताई जा रही है. विहिप की तरफ से साफ किया गया है कि राम मंदिर निर्माण को लेकर यह आखिरी धर्मसभा है. इस धर्मसभा की तैयारी के लिए विहिप की तरफ से कोई कसर नहीं छोड़ी जा रही है.
रिपोर्ट के मुताबिक वीएचपी के कार्यक्रम में पूरे देश के रामभक्त शामिल होने आ रहे हैं. भक्तमाल की बगिया में होने जा रही विश्व हिंदू परिषद की धर्मसभा को लेकर तैयारियां पूरी हो गई हैं. कहा जा रहा है कि धर्मसभा के माध्यम से संत और धर्माचार्य
, विहिप एवं अन्य संगठनों से जुड़े करीब 50 से 60 लोगों का संबोधन होगा. इनमें साधु-संतों के अलावा आरएसएस के सह सरकार्यवाह डॉ. कृष्ण गोपाल और विश्व हिंदू परिषद के उपाध्यक्ष चंपत राय प्रमुख होंगे.
बता दें कि कार्यक्रम सुबह 11 बजे दीप प्रज्वलन से शुरू होगा, जो शाम चार बजे तक चलेगा. स्वागत के बाद धर्माचार्य राम मंदिर पर अपनी बात रखेंगे. आयोजन स्थल पर राम मंदिर आंदोलन से जुड़े बैनर पोस्टर के जरिए लोगों, खासतौर पर युवाओं को जोड़ने की कोशिश होगी.
हालांकि मंदिर मामले की संवेदनशीलता को देखते हुए प्रशासन सतर्क है. राम भक्तों के यहां पहुंचने पर कानून व्यवस्था खराब न हो, इसके लिए कड़े सुरक्षा इंतजाम किए गए हैं. 6 दिसंबर 1992 को बाबरी मस्जिद विध्वंस की घटना के बाद पहली बार अयोध्या में इतने बड़े स्तर पर कोई कार्यक्रम हो रहा है.
विश्व हिंदू परिषद के क्रांति प्रवक्ता ने कहा, हम अब मंदिर निर्माण करना चाहते हैं, हम लोगों ने संतों और लोगों को धर्मसभा में बुलाया है. इस धर्म सभा से तय होगा कि मंदिर निर्माण के लिए क्या किया जा सकता है. सरकार अध्यादेश लाए हम तो मंदिर का निर्माण चाहते हैं.
शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे पर बोलते हुए विहिप के प्रवक्ता ने कहा कि हम दोनों एक दूसरे के पूरक है, हमारी दिशा एक है और सरकार में भी और सहयोगी हैं. तो उन्होंने क्या कहा उनके बयान का हम कोई गलत अर्थ नहीं निकालते. इस ऐतिहासिक मैदान से आज साधू- संत और लाखों हिंदुओं की भावनाओं का संदेश सरकार तक जाएगा और शायद अब मंदिर निर्माण का वक्त आ गया है.
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FIRST PUBLISHED : November 25, 2018, 06:16 IST