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लापता बेटी का हत्यारा बता पुलिस ने भेजा था जेल, 3 साल बाद जिंदा युवती आई सामने और...

बुजुर्ग माता-पिता को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है. (सांकेतिक तस्वीर)

बुजुर्ग माता-पिता को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है. (सांकेतिक तस्वीर)

farrukhabad news : फर्रुखाबाद पुलिस ने बेटी के लापता हो जाने की सूचना देने पहुंचे उसके पिता को ही उसकी हत्या का आरोपी ब ...अधिक पढ़ें

फर्रुखाबाद. फर्रुखाबाद पुलिस (farrukhabad police) का एक ऐसा कारनामा सामने आया है जिसमें अपनी ही बेटी की हत्या (daughter murder) के आरोप में एक पिता (father) को तीन साल जेल में रहना पड़ा. पुलिस ने इस मामले में तथ्यों को दरकिनार कर तफ्तीश की. बुजुर्ग पीड़ित पिता के जेल में बंद होने की जानकारी कथित मृतक बेटी को हुई तो कागजों में मृतक बेटी पुलिस अधीक्षक के सामने पहुंची. इसके बाद पुलिस कार्रवाई पर सवाल खड़े हो गए हैं. कोर्ट ने इस मामले पर संज्ञान लिया और पिता को रिहा करते हुए मुख्य आरोपियों और पुलिस के खिलाफ मामला दर्ज कर कार्रवाई का आदेश जारी किया है.

मामला थाना मेरापुर के गांव देव सैनी का है. साल 2016 में यहां के रहने वाले 61 वर्षीय लालाराम की बेटी सोनी गायब हो गई थी. परेशान पिता ने पुलिस के पास केस दर्ज करवाते हुए बताया कि उनकी बेटी घर वापस नहीं आई है. पीड़ित पिता पहले कई दिनों तक पुलिस के चक्कर काटता रहा, लेकिन जब पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं की. इसके बाद पुलिस जब मामले का खुलासा नहीं कर सकी तो आखिरकार गायब बेटी के पिता को ही जेल पहुंचा दिया.

जानकारी के मुताबिक पीड़ित पिता ने ग्राम के ही ओंकार अजब सिंह, बिशनदयाल, संतोष और संतोष देवी पर संदेह जाहिर करते हुए 2016 में लिखित तहरीर दी थी, लेकिन पुलिस ने उल्टा पिता को ही जबरन आरोपी बना कर बेटी की हत्या के आरोप में धारा 302 के तहत जेल भेज दिया. विवेचना तत्कालीन इंस्पेक्टर सुनील कुमार और एसआई मोहम्मद आसिफ ने की. दोनों पुलिसकर्मियों ने विधि व्यवस्थाओं को ताक पर रखते हुए बता दिया कि सोनी की हत्या हो गई है और लालाराम ही उसका हत्यारा है. कोर्ट में चार्जशीट भी दाखिल कर दी गई.

लालाराम को अपनी ही बेटी के कत्ल में निरपराध होते हुए भी 3 साल जेल में रहना पड़ा. कुछ समय बाद, जब बेटी को यह मालूम हुआ कि उसके पिता जेल में हैं, तो वह पुलिस के पास पहुंची और खुद को जिंदा साबित करते हुए अपनी मर्जी से घर छोड़ने की बात कबूली. इसी के साथ सोनी ने पिता पर से झूठा केस हटाने की गुहार भी लगाई. उसने पुलिस अधीक्षक के सामने साबित किया वह मुर्दा नहीं जिन्दा है. वह अपनी मर्जी से घर छोड़ कर गई थी. बेटी के सामने आने के बाद कोर्ट ने जेल से पीड़ित पिता को रिहा कराया.

बताया गया है कि 26 मई 2020 को सोनी ने एसपी के सामने प्रमाण पत्र और शपथ पत्र देकर खुद को जीवित बताया था. एसएसआई मोहम्मद आसिफ और इंस्पेक्टर सुनील कुमार ने यह जानते हुए कि सोनी जीवित है, कूट रचित प्रपत्र विपक्षियों के इशारे पर तैयार कर गवाहों पर दबाव बनाते हुए न्यायालय में धारा 302 की फर्जी चार्जशीट दाखिल कर दी थी. अब कोर्ट ने पूरे मामले में गंभीरतापूर्वक सुनवाई की है और बेटी सोनी को कोर्ट के सामने पेश होने का फरमान जारी करते हुए पीड़ित लालाराम की याचिका को स्वीकार किया है.

कोर्ट ने दिखाई सख्ती

आरोपी पुलिस कर्मियों समेत सभी ग्राम निवसी ओंकार अजब सिंह, बिशनदयाल, संतोष और संतोष देवी पर मुकदमा दर्ज कर कोर्ट को अवगत कराने का आदेश दिया है. पीड़ित पिता ने पुलिस पर गंभीर आरोप लगते हुए कहा पुलिस ने कई दिनों तक बेरहमी से उसके साथ मारपीट कर जबरन बेटी की हत्या का जुर्म कुबूल करवाया. साथ ही पकडे गए दामाद को छोड़ने के लिए गरीबी के समय लाखों रुपये की रिश्वत भी ली.

Tags: Farrukhabad news, Farrukhabad police court action, Father jailed in daughter murder, UP police

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