UP: फतेहपुर जेल में अब लगेगी क्लास, अनपढ़ कैदियों को साक्षर बनाएंगे शिक्षक कैदी

ये सभी कैदी निरक्षर हैं, इन्हें साक्षर बनाने के लिए 11 शिक्षित कैदी शिक्षक नियुक्त किये गए हैं.’ (प्रतीकात्मक फोटो)
फतेहपुर जिला जेल के अधीक्षक मोहम्मद अकरम खान (Mohammad Akram Khan) ने मंगलवार को कहा कि जेल में कुल 1,400 विचाराधीन कैदी हैं.
- भाषा
- Last Updated: February 23, 2021, 1:49 PM IST
फतेहपुर. फतेहपुर जिले (Fatehpur District) की जेल में बंद विचाराधीन अनपढ़ कैदियों (prisoners) को साक्षर बनाने की पहल के तहत यहां 250 अनपढ़ कैदियों को पढ़ाने के लिए 11 कैदी शिक्षक नियुक्त किये गए हैं. फतेहपुर जिला जेल के अधीक्षक मोहम्मद अकरम खान (Mohammad Akram Khan) ने मंगलवार को कहा, ’जेल में कुल 1,400 विचाराधीन कैदी हैं, इनमें से 250 अनपढ़ कैदियों को छांटा गया है. ये सभी कैदी निरक्षर हैं, इन्हें साक्षर बनाने के लिए 11 शिक्षित कैदी शिक्षक नियुक्त किये गए हैं.’
उन्होंने कहा, ’बैरक के बरामदे को कक्षा (क्लास रूम) बनाया गया है और यहीं पर ब्लैक बोर्ड लगाकर कैदियों को साक्षर बनाने के लिए प्रतिदिन दोपहर 12 बजे से दो बजे तक कक्षाएं लगाई जाएंगी.’ खान ने बताया कि निरक्षर कैदियों की पढ़ाई-लिखाई में इस्तेमाल होने वाली सामग्री की आपूर्ति के लिए फतेहपुर शहर की सामाजिक संस्था ’ट्रुथ मिशन स्कूल’ ने हामी भरी है. इसके लिए जेल कर्मियों से भी सहयोग लिया जाएगा. खान ने कहा, ’शिक्षा के अभाव में व्यक्ति अपराध करता है. हमारी कोशिश होगी कि साक्षर होकर जेल से रिहा होने वाला कैदी समाज की मुख्य धारा से जुड़े और अपने जीवनयापन के लिए कोई रोजगार कर सके.’
महिला मंडल कारा में 80 कैदी निरक्षर हैं
बता दें कि पिछले साल ऐसी ही खबर बिहार के भागलपुर में सामने आई थी. तब कहा गया था कि जेल में बंद निरक्षर कैदियों के हाथों में अब स्लेट और पेंसिल होगी. सुबह-शाम बकायदा कक्षाएं लगेंगी, जिसमें अक्षर ज्ञान का पाठ पढ़ाया जाएगा. इनको साक्षर बनाने के लिए जेल आइजी की पहल पर जेल प्रशासन ने मुहिम शुरू कर दी है. तीन महीने में यहां की तीनों जेलों में मौजूद 1006 कैदियों को साक्षर बनाने का लक्ष्य है. इसके लिए कैदी भी उत्साहित हैं. विश्व साक्षरता दिवस पर जेल आइजी ने इनसे सीधा संवाद किया. भागलपुर के शहीद जुब्बा सहनी केंद्रीय कारा में 555, विशेष केंद्रीय कारा में 376 और महिला मंडल कारा में 80 कैदी निरक्षर हैं.
उन्होंने कहा, ’बैरक के बरामदे को कक्षा (क्लास रूम) बनाया गया है और यहीं पर ब्लैक बोर्ड लगाकर कैदियों को साक्षर बनाने के लिए प्रतिदिन दोपहर 12 बजे से दो बजे तक कक्षाएं लगाई जाएंगी.’ खान ने बताया कि निरक्षर कैदियों की पढ़ाई-लिखाई में इस्तेमाल होने वाली सामग्री की आपूर्ति के लिए फतेहपुर शहर की सामाजिक संस्था ’ट्रुथ मिशन स्कूल’ ने हामी भरी है. इसके लिए जेल कर्मियों से भी सहयोग लिया जाएगा. खान ने कहा, ’शिक्षा के अभाव में व्यक्ति अपराध करता है. हमारी कोशिश होगी कि साक्षर होकर जेल से रिहा होने वाला कैदी समाज की मुख्य धारा से जुड़े और अपने जीवनयापन के लिए कोई रोजगार कर सके.’
महिला मंडल कारा में 80 कैदी निरक्षर हैं
बता दें कि पिछले साल ऐसी ही खबर बिहार के भागलपुर में सामने आई थी. तब कहा गया था कि जेल में बंद निरक्षर कैदियों के हाथों में अब स्लेट और पेंसिल होगी. सुबह-शाम बकायदा कक्षाएं लगेंगी, जिसमें अक्षर ज्ञान का पाठ पढ़ाया जाएगा. इनको साक्षर बनाने के लिए जेल आइजी की पहल पर जेल प्रशासन ने मुहिम शुरू कर दी है. तीन महीने में यहां की तीनों जेलों में मौजूद 1006 कैदियों को साक्षर बनाने का लक्ष्य है. इसके लिए कैदी भी उत्साहित हैं. विश्व साक्षरता दिवस पर जेल आइजी ने इनसे सीधा संवाद किया. भागलपुर के शहीद जुब्बा सहनी केंद्रीय कारा में 555, विशेष केंद्रीय कारा में 376 और महिला मंडल कारा में 80 कैदी निरक्षर हैं.