मौत से पहले बीमा पॉलिसी (Insurance Policy) लेते हुए आपने बहुत से लोगों को देखा और सुना होगा. लेकिन उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के अलीगढ़ (Aligarh) में एक मरे हुए व्यक्ति ने पॉलिसी बाजार (Policy Bazaar) वेबसाइट से अपना ऑनलाइन बीमा (Online insurance) कराया. बीमा की एक महीने की किस्त भी जमा की, लेकिन पहली किस्त जमा करने के बाद ही वो फिर से मर गया. मल्टीनेशनल बीमा (Insurance Company) कंपनी ने जब इसकी जांच कराई तो ऐसा फर्जीवाड़ा (Fraud) सामने आया जिसे सुनकर कंपनी ही नहीं पुलिस (Police) भी दंग रह गई.
कॉम से ऑनलाइन 50 लाख रुपये का बीमा कराया था. इसके लिए उपेंद्र ने ऑनलाइन ही 1583 रुपये जमा कराए थे. प्रीमियम के रूप में हर महीने 531 रुपये की किस्त जमा करने की बात भी तय हो गई. कंपनी ने तय वक्त पर अपने एक कर्मचारी को भेजकर उपेंद्र का मेडिकल चेकअप भी करा लिया. सभी कार्रवाई पूरी होने के बाद 12 मार्च, 2018 को कंपनी ने उपेंद्र के नाम से पॉलिसी भी जारी कर दी.
12 मार्च को पॉलिसी जारी हुई और उपेंद्र की पत्नी ने 28 मई, 2018 को कंपनी पर क्लेम का दावा कर दिया. पत्नी ने बताया कि 15 अप्रैल को उसके पति उपेंद्र की कुत्ते के काटने से मौत हो गई. इस संबंध में एक नर्सिंग होम का डेथ सर्टिफिकेट भी लगाया गया था. 50 लाख की पॉलिसी लेने के महीने बाद ही उपेंद्र की मौत से बीमा कंपनी को शक हुआ. उन्होंने इसकी गुपचुप जांच करानी शुरू कर दी.
बीमा कंपनी ने जब गोपनीय तरीके से उपेंद्र की मौत के मामले में जांच कराई तो उसे रिपोर्ट मिली कि उपेंद्र की मौत पॉलिसी लेने से 9 दिन पहले यानी 27 फरवरी, 2018 को घर पर छत से गिरने के कारण हो गई थी. कंपनी के इस दावे की तस्दीक गांव में आशा वर्कर के रजिस्टर से भी हुई. असली मौत का मृत्यु प्रमाण पत्र भी जारी हुआ था. लेकिन आरोपियों ने उसे भी निरस्त (रद्द) करा दिया था.
वहीं अब ये मामला पुलिस तक पहुंच गया है. पुलिस अपने स्तर से जालसाजी के इस मामले की जांच करा रही है. जानकारों की मानें तो इस मामले में आरोपियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई जा चुकी है.
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FIRST PUBLISHED : October 11, 2019, 08:47 IST