जिले मे ग्रीन पटाखों पर भी पाबंदी लगा दी गई है. इससे पटाखा कारोबारियों मे भारी गुस्सा है. इस साल पटाखा कारोबारियों की दिवाली काली हो गयी है. सर्दी बढ़ने के साथ-साथ दिल्ली से सटे गाजियाबाद में वायु प्रदूषण का स्तर लगातार बढ़ रहा है. वहीं, दिवाली पर भी वायु प्रदूषण और अधिक बढ़ने की आशंका है. जिसके चलते वायु प्रदूषण को नियंत्रण करने के उद्देश्य से गाजियाबाद के लोगों को केवल ग्रीन पटाखे ही चलाने की अनुमति मिली थी, लेकिन वायु प्रदूषण बढ़ते ग्राफ को ध्यान में रखते हुए अब ग्रीन पटाखों पर भी रोक लगा दी गई है. इसके साथ ही पटाखों की बिक्री और पटाखे चलाने पर भी पूरी तरह से प्रतिबंध लगा दिया गया है.इस मामले में प्रशासनिक अधिकारी लगातार पैनी नजर रखे हुए हैं.
इस बार दिल्ली से सटे गाजियाबाद में रहने वाले लोग दिवाली पर अब ग्रीन पटाखे भी नहीं चला पाएंगे, क्योंकि गाजियाबाद में लगातार प्रदूषण का ग्राफ बढ़ रहा है. गाजियाबाद के वसुंधरा में रात के समय सबसे ज्यादा पीएम 10 और पीएम 2.5 स्तर दर्ज हुआ है. पीएम 10 का स्तर 653 रहा. पीएम 2.5 का स्तर 265 पर पहुंच गया. इसके अलावा शहर के चारों स्टेशनों पर सुबह के वक्त मानकों से 3:30 दोगुना बढ़ा हुआ पाया गया है. इसके अलावा गाजियाबाद के संजय नगर का एक्यूआई भी मानकों से 3 गुना अधिक 351 दर्ज हुआ. जबकि लोनी में वायु प्रदूषण सबसे अधिक दिखाई दिया.
शहर के वायु प्रदूषण की बात की जाए तो निश्चित तौर पर वायु प्रदूषण के ग्राफ में लगातार बढ़ोतरी हो रही है. इसी कारण अब प्रशासन ने यह फैसला लिया है कि दिवाली पर पहले दी गई ग्रीन पटाखे चलाने की छूट भी अब लोगों को नहीं मिल पाएगी. एडीएम सिटी विपिन कुमार का कहना है कि न्यायालय के आदेश के अनुसार अब शहर में किसी भी तरह की आतिशबाजी पटाखे की बिक्री और पटाखे चलाने, पटाखा बनाने या पटाखों का स्टॉक करने की भी अनुमति नहीं दी जाएगी. उन्होंने कहा कि सर्वोच्च न्यायालय और एनजीटी के साथ ही सरकार के आदेशों का पालन भी पूरी तरह से कराया जाएगा.
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