रिपोर्ट : विशाल झा
गाजियाबाद. पहले अच्छी शिक्षा और फिर अच्छी नौकरी. यही दोनों पाना सबका लक्ष्य होता है, लेकिन अच्छी नौकरी होने के बाद भी गाजियाबाद के अभय को सुकून नहीं था. बचपन से ही उनको कुछ अपना काम करने की इच्छा थी, लेकिन परिवार में वैसा माहौल ना होने के कारण अपनी एमबीए पूरी करने के बाद वो सुपरटेक कंपनी के मार्केटिंग डिपार्टमेंट में जॉब करने लगे. जॉब करने के दो साल बाद अभय ने अपना काम शुरू करने के इरादों को पक्का कर लिया और इस्तीफा दे दिया.
अभय ने News 18 Local को बताया, ‘मेरे पेरेंट्स नहीं चाहते थे कि मैं बिजनेस करूं. मुझे पता था कि अगर मैं अपने पेरेंट्स को बताता तो बिजनेस नहीं करने नहीं देते. इसलिए मैंने ये बात छुपाई.’ साथ ही अभय ने बताया कि जब मैंने शॉप की लोकेशन और आइडिया समेत सबकुछ फाइनल कर लिया,तब मैंने पेरेंट्स को इस बारे में बताया था. इस दुकान को खोलने में कुछ पैसे मैंने अपनी सेविंग से लगाए और कुछ अपनी बहन से उधार लिए.
पहले था मोमोज का प्लान, फिर एक अजनबी ने दिखाया रास्ता
अभय ने शुरुआत में सोचा था कि मोमोज का कार्ट लगाएंगे. दरअसल सुबह नौकरी और शाम को अपना मोमोज के कार्ट लगाने का प्लान था. इस बीच एक दिन चाय की दुकान पर उनकी बातें एक शख्स ने सुन ली. उस शख्स ने सुझाव दिया गया कि गाजियाबाद में साउथ इंडियन फूड के बहुत कम आउटलेट हैं. ऐसे में अगर वह साउथ इंडियन का कुछ शुरू करेंगे तो वह हिट होगा. बस इसके बाद से ही अभय ने डोसा घर की शुरुआत की. इससे अच्छी कमाई हो रही है.
विभिन्न प्रकार के स्वादिष्ट डोसे युवाओं की पसंद
डोसा घर आरडीसी के मार्केट में स्थित है, जहां प्लेन डोसा, मसाला डोसा, पनीर डोसा, प्याज डोसा, डोसा घर स्पेशल, पिज्जा डोसा आदि कई वैरायटी खाने को मिलती है.डोसा की शुरुआत 60 रुपये होती है. हालांकि डोसा घर में 250 रुपये का डोसा भी मिलता है. न्यूज़ 18 को डोसा खाने आए प्रभात ने बताया कि उन्हें डोसा काफी पसंद आया अगली बार वो रवा डोसा को खाएंगे. अगर आप भी डोसा घर आकर अपने पसंद का डोसा खाना चाहते है, तो गाजियाबाद के पुराने बस अड्डे से आरडीसी के लिए रिक्शे की मदद से डोसा घर पहुंच सकते हैं.
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