उत्तर प्रदेश राज्य सड़क परिवहन निगम (यूपीएसआरटीसी) की ओर से गाजियाबाद को जल्द सौ सीएनजी बसें दी जाएगीं. डीजल की जगह सीएनजी बसों के संचालन से प्रदूषण कम होगा.साथ ही यूपीएसआरटीसी का डीजल खर्च भी कम होगा.अगले माह के अंत तक ये बसें कौशांबी डिपो में आ जाएंगी.आनंद विहार डिपो से दिल्ली ट्रांसपोर्ट कारपोरेशन (डीटीसी) की सीएनजी बसें चलती हैं. वहीं, कौशांबी डिपो से रोजाना एक हजार से अधिक बसें डीजल की चलती हैं.
डीजल बसों से निकलने वाले धुएं से प्रदूषण होता है. इसको लेकर कौशांबी अपार्टमेंट रेजीडेंट्स वेलफेयर एसोसिएशन (कारवा) की ओर से राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) और सुप्रीम कोर्ट में जलवायु और ध्वनि प्रदूषण की रोकथाम के लिए याचिका दायर की थी.याचिका में कौशांबी डिपो से चलने वाली डीजल बसों को सीएनजी से संचालित करने की भी मांग की गई थी.कोर्ट ने इस पर यूपीएसआरटीसी को अमल करने का आदेश दिया था.
यूपीएसआरटीसी ने इसे गंभीरता से लेते हुए 130 एसी बसें खरीदने जा रहा है.इसमें से 100 बसें गाजियाबाद को दी जाएंगी. अभी तक जिले मे सिर्फ 135 सीएनजी बसें है.गाजियाबाद में 800 बसें हैं. इनमें से 135 सीएनजी बसें हैं. 100 बसें यूपीएसआरटीसी की हैं. 35 अनुबंधित बसें संचालित हो रही हैं. इसे छोड़ सभी बसें डीजल से संचालित होती हैं.वहीं, दूसरे राज्यों व जिलों की बसें कौशांबी में आती हैं. बसों के धुएं से प्रदूषण बढ़ता है जो की स्वास्थ्य पर बुरा असर डालता है.
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