गाज़ियाबाद के डा.राजेंद्र कुमार भंडारी ने जिले का मान बढ़ाया हैं.कौशांबी के रहने वाले डा.राजेंद्र कुमार भंडारी को आपदा प्रबंधन के क्षेत्र में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा सुभाष चंद्र बोस आपदा प्रबंधन पुरस्कार से नवाजा गया है.यह पुरस्कार उन्हें व्यक्तिगत श्रेणी में दिया गया है.उन्होंने भूस्खलन पर भारत में पहली प्रयोगशाला स्थापित की थी.पुरस्कार के तहत व्यक्तिगत श्रेणी में पांच लाख रुपये और एक प्रमाणपत्र दिया जाता है.81 वर्षीय डा.राजेंद्र कुमार भंडारी ने सामान्य भू-खतरों और विशेष रूप से भूस्खलन पर अध्ययन की शुरूआत की थी.उन्होंने सीएसआइआर- केंद्रीय भवन अनुसंधान संस्थान (सीबीआरआइ) में भूस्खलन पर भारत की पहली प्रयोगशाला और तीन अन्य केंद्रों की स्थापना भी की थी.
उन्होंने भारत में आपदाओं पर अध्ययन कराए.ग्राउंड पेनिट्रेटिंग रडार, जिओटेक्निकल डिजिटल सिस्टम,वाइब्रेटिंग वायर पेजोमीटर्स,लेजर पार्टिकल एनालाइजर,गहराई में जांच के लिए पाइल ड्राइव एनालाइजर और अकास्टिक इमिशन तकनीक, भूस्खलन के खिलाफ पूर्व चेतावनी के लिए उपकरण,निगरानी और जोखिम विश्लेषण का कार्य किया.उनके अन्य योगदान में दिशात्मक ड्रिलिंग के माध्यम से पहाड़ पर गहरी जल निकासी के द्वारा एक बड़े भूस्खलन के स्थायी समाधान का पहला वैश्विक उदाहरण भी शामिल है.
उनका नेशनल डिजास्टर नालेज नेटवर्क के लिए समर्थन अक्टूबर, 2001 में उच्च स्तरीय समिति की सिफारिशों का हिस्सा बना था. उन्होंने भूस्खलन आपदा अल्पीकरण पर कदम उठाने योग्य सिफारिशें तैयार करने के इंडियन नेशनल एकेडमी आफ इंजीनियरिंग (आइएनएई) फोरम की अगुआई की थी.डा.राजेंद्र कुमार भंडारी ने विद्यार्थियों के लिए आपदा शिक्षा को लोकप्रिय बनाने के लिए किताबें भी लिखी हैं.पुरस्कार मिलने पर सोसायटी के लोगों में खुशी है.इसके पीछे वो अपने शिक्षक, अपने माता पिता व दोस्तों का शुक्रिया करते हैं.
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