अब तक आपने प्रशासनिक उदासीनता के चलते पार्कों की दुर्दशा और बदहाली की ख़बरें बहुत देखी होंगी.लेकिन आज हम आपको दिखाएंगे गाज़ियाबाद के एक ऐसे पार्क की तस्वीर जहां कुछ महीने पहले कूड़े के ढेर लगा करते थे लेकिन अब न सिर्फ उसका सुन्दरीकरण से कायाकल्प हो गया है बल्कि निगम चौपाल भी बन गया है.जी हां हम बात कर रहें हैं कविनगर इलाके के डा. महेंद्र सिंह राका पार्क की.जिसकी तस्वीर नगर निगम ने विकास कार्य करवा कर बदल दी है.अब पार्क में प्रकाश की व्यवस्था, बैठने के लिए कुर्सियां और सुंदरता के लिए फव्वारा और निगम चौपाल बनाया गया है. पहले बारिश होने पर पार्क मे पानी भर जाता था और कूड़े का ढेर लगने से यहां कोई आना पसंद नहीं करता था.लेकिन अब यह पार्क लोगों के आकर्षण का केंद्र बन गया हैं.
गाज़ियाबाद की महापौर आशा शर्मा ने राका पार्क का लोकार्पण करते वक़्त कहा था कि पार्क में पहले कूड़ा डाला जाता था, लोगों की शिकायत के बाद पार्क में कूड़ा डालना बंद कराया गया और इसका जीर्णोद्धार कराने का कार्य शुरू करवाया गया. अब पार्क काफी सुंदर लगता है. यहां एक सुंदर झरना भी है.
जानिएपार्क से जुड़ा इतिहास
राका पार्क से एक इतिहास भी जुड़ा हुआ हैं. कविनगर में रहने वाले डाक्टर एमएस राका आंबेडकर रोड पर क्लीनिक चलाते थे.जिस रोड़ पर आज ये पार्क हैं सन 1989 में क्लीनिक से घर लौटने पर अज्ञात व्यक्ति ने डा. राका के घर का दरवाजा खटखटाया,उन्होंने जैसे ही दरवाजा खोला तो सामने खड़े व्यक्ति ने गोली मारकर उनकी हत्या कर दी और मौके से फरार हो गया.वारदात के खुलासे में पुलिस नाकाम रही. इससे चिकित्सक और शहरवासी गुस्से में आ गए.इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के साथ ही शहरवासियों ने धरना प्रदर्शन कर रोड जाम कर दिया था.लोगों के गुस्सा को देख पुलिस-प्रशासन ने डा. राका को विशेष सम्मान दिलाने की घोषणा की.आंबेडकर रोड पर उनके क्लीनिक के पास स्थित पार्क को डा. राका के नाम कर दिया गया था.लेकिन कुछ साल बाद ही पार्क कूड़ाघर में तब्दील हो गया था,जिसके बाद शहर के लोगों ने पार्क का जीर्णोद्धार करने की मांग की थी.
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