विशाल झा, गाजियाबाद :भीषण गर्मियों के दिन यानी नौतपा की शुरूआत हो चुकी है. इन दिनों ना गर्मी केवल अपना प्रचंड रूप दिखाती है, बल्कि सूरज की तपिश से लोग झुलसने भी लगते है. नौतपा के दिनों गर्मी अपने चरम पर होती है. नौतपा नक्षत्र में सूर्य 15 दिन के लिए प्रवेश करेंगे और शुरुआत के 9 दिन लोगों को बहुत तेज गर्मी से जूझना पड़ेगा. नौतपा इस बार 25 मई से शुरू होकर 8 जून तक रहेगी.
अध्यात्मिक गुरु और ज्योतिषाचार्य शिवकुमार शर्मा ने News 18 Local को बताया की सूर्य सिद्धांंत के अनुसार जब सूर्य रोहिणी नक्षत्र में प्रवेश करता है, तो गर्मी में तीव्रता बढ़ जाती है. सूर्य इस रोहिणी नक्षत्र में तकरीबन 15 दिन ठहरता है. जिसमें पहले 9 दिन अधिक तीव्रता के होते हैं. इस अवधि को नौतपा काल कहा जाता है. नौतपा 25 मई रात्रि 8:58 से आरंभ हो चुकी है. जो सूर्य रोहिणी नक्षत्र में 8 जून को शाम 18:53 बजे तक रहेगी . मौसम वैज्ञानिकों के अनुसार भी यह अवधि बहुत ही गर्मी की होती है. मानसून की तीव्रता या अल्पता कितनी होगी यह इसी अवधि पर निर्भर होती है.
नौतपा में बनेंगे त्रिग्रही योग
सूर्य और रोहिणी नक्षत्र मिलन के बाद मेष राशि में पहले से विराजमान बुध, गुरु और राहु त्रिग्रही योग बनाएंगे. वहीं, 30 मई की शाम 7.39 पर शुक्र ग्रह के कर्क राशि में प्रवेश से मंगल-शुक्र का योग बनेगा. नौतपा की शुरुआत में ग्रहों के अलग-अलग संयोग बनने से सूर्य की गर्मी इस बार अन्य साल की अपेक्षा ज्यादा रहेगी.
पृथ्वी के करीब होता है सूर्य
जब सूर्य रोहिणी नक्षत्र में होकर वृष राशि में 10 से 20 अंश तक रहता है, तब नौतपा होता है. इन 9 दिनों में सूर्य पृथ्वी के काफी करीब आ जाता है. इस नक्षत्र में सूर्य 15 दिनों तक रहता है, लेकिन शुरुआती नौ दिनों में गर्मी बहुत ज्यादा होती है. तापमान भी इस समय 42 डिग्री से 46 डिग्री तक हो सकता है.
बेहतर वर्षा का संकेत देता है नौतपा काल
यदि 25 मई से 2 जून तक की अवधि में सूर्य प्रचंड रूप से चमकता है और भयंकर गर्मी पड़ती है तो संकेत मिलता है कि मानसून बहुत अच्छा रहने वाला है. वर्षा सर्व व्यापक और पर्याप्त रूप में होगी. किंतु यदि किसी पश्चिमी विक्षोभ, चक्रवात के कारण वर्षा हो जाती है या मौसम ठंडा हो जाता है समझो कि मॉनसून की स्थिति कमजोर रहेगी. कहीं अतिवृष्टि, कहीं अनावृष्टि का योग बनेगा.
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