रिपोर्ट : विशाल झा
गाज़ियाबाद. इस वर्ष मार्च में आस्था का अनोखा संगम देखने को मिल रहा है. एक तरफ हिंदुओं का नवरात्रि पर्व चल रहा है तो दूसरी तरफ मुस्लिमों का पाक महीना रमजान भी शुरू हो गया है. दोनों में ही श्रद्धालु व्रत और रोजे रखते हैं, इसके कारण फलाहार का सेवन किया जाता है. फलों की मांग एकदम से बढ़ जाने के कारण दाम दोगुने हो गए हैं. श्रद्धालुओं की जेब पर भारी असर पड़ रहा है. गाजियाबाद सब्जी मंडी के वेलफेयर एसोसिएशन अध्यक्ष शिवपाल यादव ने News 18 Local को बताया कि मौसम की मार के कारण भी फलों पर असर पड़ा है.
गाजियाबाद सब्जी मंडी में फलों की कीमत में भारी उछाल देखने को मिल रहा है. जो केला 60 रुपए दर्जन था वो अब 80 रुपए है, जो पपीता 30 रुपए का था वो 40 रुपए, जो सेब 100 रुपए का था वो 150 से 200 और जो तरबूज 20 रुपए किलो था, 25 रुपए का है. लेकिन इन सब के बावजूद मार्केट में कोई मारामारी नहीं है बल्कि मंडी खाली पड़ी है. इन त्योहारों के संगम के कारण फलों में 10 से 15 फ़ीसदी महंगाई देखने को मिल रही है.
यादव ने बताया कि फल बेचने वाले खुद से दामों को नहीं बढ़ाते हैं लेकिन डिमांड ज्यादा है तो दामों में जरूर वृद्धि देखने को मिलती है. नवरात्रि और रोजे एक साथ आए हैं. इसी कारण फल महंगे हो गए हैं लेकिन सब्जियों पर इसका असर नहीं पड़ेगा. फलों के महंगा हो जाने के बाद दुकानदार भी थोड़ा डर के सामान खरीदते हैं क्योंकि महंगा सामान नहीं बिका तो भारी घाटा झेलने को मिलेगा. व्यापारी हो या ग्राहक दोनों पर ही बढ़े हुए दामों का असर देखने को मिलता है.
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