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Ghaziabad: कूड़ाघर में तब्दील पार्क बना Eco Hub, सुंदर तालाब और फूल आकर्षण का केंद्र

गाजियाबाद के कविनगर औद्योगिक क्षेत्र में स्थित नेताजी सुभाष चंद्र बोस पार्क की सूरत बदल गई है. पर्यावरणविद विक्रांत ने ...अधिक पढ़ें

    विशाल झा

    गाज़ियाबाद. उत्तर प्रदेश के गाज़ियाबाद के कवि नगर औद्योगिक क्षेत्र में स्थित नेताजी सुभाष चंद्र बोस पार्क की तस्वीर बदल गई है. पहले इस पार्क में पहले कचरा फेंका जाता था. आस-पास मौजूद औद्योगिक इकाइयों का वेस्ट भी यहां डंप किया जाता था. लेकिन, अब इस पार्क को सुंदर इको-हब के तर्ज पर विकसित किया गया है.

    जहां पहले कूड़े का पहाड़ होता था, वहां आज सुंदर हरे-भरे पौधे लहलहा रहे हैं. पार्क में कुछ फूलों के पौधे भी लगाए गए हैं. इस इको-हब का मुख्य आकर्षण तालाब है. मॉनसून के सीजन तक इस तालाब को पूर्ण रूप से विकसित कर लिया जाएगा. पार्क में प्लेइंग जोन, वॉकिंग ट्रैक और तालाब के पास इमीग्रेंट बर्डस के लिए भी व्यवस्था की जाएगी.

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    गर्मियों के सीजन में प्रकृति प्रेमियों के लिए बनेगा बेस्ट स्पॉट

    गर्मियों के मौसम में प्रकृति प्रेमियों के लिए यह एक अच्छा पर्यटक स्थल के रूप में उभरेगा. प्रदूषण और गर्मी की मार से बचाव के लिए गाजियाबाद का सुभाष चंद्र बोस पार्क अच्छा विकल्प बनेगा. इस पार्क के जीर्णोद्धार में केंद्रीय माल एवं सेवा कर आयुक्तालय, सीमा शुल्क एवं सीजीएसटी मेरठ परिक्षेत्र, गाजियाबाद नगर निगम, स्थानीय इंडस्ट्री एसोसिएशन एवं पर्यावरणविदों का सहारा लिया गया है.

    गाजियाबाद के सीजीएसटी आयुक्त आलोक कुमार झा ने न्यूज़ 18 लोकल को बताया कि पार्क की दशा काफी बदली है. पहले यह डंपिंग यार्ड हुआ करता था. यह पार्क पहले कचरे और मलबे से भरा रहता था. लेकिन, अब इसकी सूरत बदल दी गई है. इस पार्क में लगभग 12 हजार पौधे लगाए गए हैं. साथ ही, यहां लेक भी डेवलप किया गया है जिसमें माइग्रेटरी बर्ड्स आएंगे. इस पार्क को अशोक वाटिका का रूप दिया जाएगा जिससे यह गाजियाबाद का पहला ऐसा पार्क बनेगा जो प्राकृतिक सुंदरता के साथ-साथ इको-हब होगा. यहां मियावाकी तकनीक को इस्तेमाल करने पर भी विचार किया जा रहा है.

    यह प्रकृति प्रेमियों के लिए साफ-सुथरी अच्छी जगह होगी. वन विभाग समेत कई संस्थाओं के सहयोग से इस काम को पूरा किया गया है.

    पार्क को मॉनसून तक और बेहतर बनाने का प्रयास 

    पर्यावरणविद विक्रांत ने बताया कि पहले यह डंपिंग ग्राउंड था. इंडस्ट्रियल एरिया होने के कारण यहां पर कई तरीके के ऐसे वेस्ट फेकें जाते थे जिससे प्रकृति को नुकसान पहुंचता था. हमलोगों ने इसको श्रमदान से बेहतर बनाया. अब मॉनसून तक इसको और बेहतर बनाने का प्रयास है.

    Tags: Environment news, Ghaziabad News, Up news in hindi

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