रिपोर्ट : विशाल झा
गाज़ियाबाद : कुछ दिनों पहले ही सपा नेता स्वामी प्रसाद मौर्या ने श्रीरामचिरतमानस की चौपाई पर विवादित बयान दिया था. उसके बाद सत्ता पक्ष और विपक्ष दोनों तरफ से ही सियासी तीर चलने तेज हो गए थे. विवाद इतना बढ़ गया कि श्रीरामचरितमानस की प्रतियां जलाने के मामले भी सामने आने लगे. उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और सपा नेता अखिलेश यादव ने सीएम योगी आदित्यनाथ को श्रीरामचरितमानस को सदन में पढ़ने तक की चुनौती दे डाली.
इन्हीं सब के बीच गाजियाबाद के संजय नगर सेक्टर-23 में भगीरथ पब्लिक स्कूल में दिव्यांगों को टीचिंग लर्निंग मटेरियल वितरण करने आए राज्यमंत्री स्वतंत्र प्रभार समाज कल्याण, अनुसूचित जाति एवं जनजाति कल्याण विभाग असीम अरुण ने भी अपनी राय रखी. उन्होंने मीडिया से कहा कि जो भी हमारी धार्मिक एवं सामाजिक पुस्तकें हैं, उन सबका सम्मान किया जाना चाहिए. किसी को भी आहत नहीं करना चाहिए. उन्होंने कहा कि हमारे धर्म की यही सुंदरता है कि हम सबको अपना लेते हैं.
जनता समझदार है
मंत्री असीम अरुण ने कहा कि इस विवाद को राजनीतिक रूप देना ठीक नहीं है और धार्मिक रंग देने से भी बचना चाहिए. उन्होंने कहा कि श्रीरामचरितमानस को लेकर यह जो खेल समाजवादी पार्टी के नेताओं ने शुरू किया है, अब ज्यादा दिन चलने वाला नहीं है. जनता सब समझ चुकी है, अब जनता समझदार है.
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