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Success Story : मुझे बोला 'मोटी तुझसे नहीं होगा', अब देखो किलिमंजारो पर्वत पर तिरंगा फहरा दिया

मुरादनगर के गांव पंगा की रहने वाली ऋतु जांगिड़ ने साउथ अफ्रीका के किलिमंजारो पर्वत पर तिरंगा फहराया है. केवल 3 दिनों के ...अधिक पढ़ें

रिपोर्ट : विशाल झा

गाज़ियाबाद : बचपन में ही मां- बाप का साया उठ गया था. शरीर वजनी होने की वजह से लोग मजाक भी उड़ाते थे. लेकिन, मुरादनगर के पैंगा गांव की ऋतु ने कुछ ऐसा कर दिखाया कि जो हाथ उनकी ओर उंगलियां उठाते थे, अब वही सलाम कर रहे हैं. ऋतु बचपन से ही जीवन में ऊंचाइयों को छूना चाहती थीं. यही वजह रही कि उनके कदम पहाड़ों की ओर बढ़ गए.

माउंटेनियर ऋतु ने साउथ अफ्रीका स्थित किलिमंजारो पर्वत पर तिरंगा फहराकर न केवल जिले का बल्कि पूरे देश का नाम रोशन किया है. केवल 3 दिनों में 5685 मीटर ऊंची चोटी पर ऋतु ने चढ़ाई की. इस कठोर लक्ष्य को पूरा करने के बाद आज जब ऋतु अपने गांव लौटीं तो पूरे गांव वासियों ने फूलों के साथ उनका स्वागत किया.

तू मोटी है तुझसे पहाड़ नहीं चढ़ा जाएगा
ऋतु को कई बार अपने वजन के कारण आलोचना का शिकार होना पड़ता था. लेकिन इन आलोचनाओं ने उनकी हिम्मत को और बढ़ा दिया. एक बार ऋतु को किसी ने कहा था- ‘तू मोटी है, तुझसे ये पहाड़ की चढाई नहीं होगी’ पर आज ऋतु ने माउंटेनियरिंग की दुनिया में अपनी अलग पहचान बना ली है.

इसलिए चुना अफ्रीका के किलिमंजारो पर्वत को
देश-विदेश में चढ़ने के लिए पर्वतारोहियों के पास कई सारे विकल्प होते हैं. ऐसे में सवाल आता है मुरादनगर की बेटी ऋतु ने साउथ अफ्रीका के किलिमंजारो पर्वत को क्यों चुना? दरअसल माउंटेनियर के लिए 7 समिट में किलिमंजारो पर्वत चौथे नंबर पर आता है. चढ़ाई के लिहाज से यह पर्वत पर्वतारोहियों के लिए कई सारी मुश्किलें खड़ा करता है. इसलिए खुद को चैलेंज देते हुए ऋतु ने इस पर्वत को चुना और इसकी चोटी पर तिरंगा फहराया.

पैसे उधार लिए थे, इसलिए कोई विकल्प नहीं था
ऋतु ने बताया कि चढ़ाई के दौरान रात के समय ऐसा कई बार हुआ जब लगा की तबियत खराब हो गई. उलटी, बुखार, बदन दर्द के बाद उनके मन में विचार आया की पहाड़ पर चढ़ना छोड़ वापस लौट जाएं, पर इस समिट में शामिल होने के लिए ऋतु ने पैसे उधार लिए थे. ऐसे में बिना फतह हासिल करें लौट जाना उन्हें ठीक नहीं लगा. उन्होंने कहा- चढ़ाई के अलावा कोई विकल्प नहीं था.

लड़कियों को संदेश
ऋतु ने देश की बेटियों को संदेश भी दिया. कहा- जब मैं गांव आई तो यहां कई सारी लड़कियों को नहीं पता था की माउंटेनियरिंग क्या होती है. इसके अलावा भी मैं लड़कियो से यही कहूंगी की घर से बाहर निकलकर खुद के चैलेंज को समझें. अपनी प्रतिभा को समझें और मेहनत कर अपना नाम रोशन करें.

Tags: Ghaziabad News, Mountaineer, UP news

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