गाजियाबाद नगर निगम ने हाउस टैक्स के दायरे में पहली बार आई दो लाख संपत्तियों की जांच शुरू कर दी है. (फाइल फोटो)
गाजियाबाद. गाजियाबाद नगर निगम (Ghaziabad Municipal Corporation) ने हाउस टैक्स (House Tax) के दायरे में पहली बार आई दो लाख संपत्तियों (Property) की जांच शुरू कर दी है. नगर निगम के कर्मचारी मौके पर जा कर चिन्हित इन संपत्तियों की जांच कर रहे हैं. नगर निगम के अधिकारी के मुताबिक अगले दो-तीन महीनों में जांच का काम पूरा हो जाएगा. आपको बता दें कि जिस एजेंसी ने हाउस टैक्स को लेकर गाजियाबाद में सर्वे का काम किया था, उस पर हाउस टैक्स का गलत निर्धारण करने का आरोप है. लोगों और पार्षदों का कहना है कि इस एजेंसी के गलत निर्धारण करने से ही लोगों के पास एक लाख से पांच लाख रुपये तक टैक्स जमा करने का नोटिस आ रहा है.
बता दें कि पिछले कुछ महीनों से इसको लेकर नगर निगम को काफी शिकायतें आ रही थीं. इन शिकायतों के बाद ही शासन के निर्देश पर सर्वे करने वाली एजेंसी के सर्वे को लेकर जांच शुरू की गई है. अगले कुछ दिनों में गाजियाबाद के 100 वार्डों में सर्वे का काम पूरा किया जाएगा. मोहन नगर, विजय नगर, कविनगर गाजियाबाद सिटी और वसुंधरा जोन में जीआईएस ने सर्वे कराया था. सर्वे के दौरान शहर में दो लाख से ज्यादा नई संपत्ति सामने आई थी. इन दो लाख संपत्तियों पर अभी तक हाउस टैक्स नहीं लगा है.
दो लाख नए करदाताओं को नगर निगम से मिली राहत
इस सर्वे पर निगम पार्षदों ने ही सवाल उठाया था. इस सर्वे के बाद गाजियाबाद के शहरी क्षेत्र में 5.86 लाख करदाता हो गए हैं. इसके बाद से ही निगम की तरफ से सभी करदाताओं को नोटिस भेजे जाने लगे. जबकि, पार्षदों का कहना है कि सर्वे करने वाली कंपनी ने घर बैठे ही लोगों के घरों का गलत तरीके से हाउस टैक्स का निर्धारण कर दिया. इसके बाद ही नगर निगम की टीम इन दो लाख संपत्तियों के जगह पर जाकर भौतिक सत्यापन कर रही है.
सर्वे करने वाली कंपनी के खिलाफ जांच शुरू
गौरतलब है कि पिछले दिनों नगर निगम ने सड़क, सीवर, स्ट्रीट लाइट, पानी जैसी सुविधा लेने के बाद भी हाउस टैक्स जमा नहीं करने वालों पर कार्रवाई तेज करने का फैसला लिया था. निगम ने हाउस टैक्स वसूलने के लिए बड़े बकाएदारों पर शिकंजा कसना शुरू कर दिया था. इसके लिए जोन वाइज बकायेदारों की नई सूची तैयार की गई थी. जिन करदाताओं पर 5 लाख से ज्यादा हाउस टैक्स बकाया था, उन सभी बकायेदारों को कार्रवाई शुरू की गई थी. लोगों को हैरानी इस बात की हो रही थी कि उन्हें एक लाख से पांच लाख रुपये तक हाउस टैक्स के नोटिस कैसे मिल रहे हैं?
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आपको बता दें कि शहर के 100 वार्ड हैं और कुछ साल पहले तक तकरीबन 3.86 लाख करदाता थे, लेकिन बड़ी संख्या में दुकान, मकान और अन्य व्यावसायिक प्रतिष्ठानों को भी अब सर्वे के बाद हाउस टैक्स के दायरे में लाया गया था. इस तरह शहर में अब 5.86 लख से ज्यादा करदाता हो गए थे.
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