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Ghaziabad News: खुद सेवा करती हैं, सेवा करना भी सिखाती हैं; जानें 'दिव्यांगों की दुर्गा' की कहानी

गाजियाबाद में गणित की अध्यापिका की पहल कई दिव्यांगों के लिए आज सहारा बनी हुई है. इनकी संस्था को दो साल हो गए हैं और अब ...अधिक पढ़ें

रिपोर्ट : विशाल झा

गाज़ियाबाद : “अपने लिए तो सब जीते हैं, हम दूसरों के लिए जीना चाहते हैं”… यह कहना है गणित की शिक्षिका ऋचा बल्लभ का. ऋचा यूं तो उत्तराखंड की रहने वाली हैं, लेकिन गाजियाबाद में बतौर गणित शिक्षक काम करती हैं. ऋचा एक संस्था चलाती हैं, जिसका नाम “नींव शक्ति” है. यह संस्था दिव्यांगों के विकास और सहयोग के लिए कार्य करती है. इस संस्था का खर्च भी ऋचा ही उठाती हैं. अब इस संस्था को दो वर्ष पूरे हो गए हैं.

नींव शक्ति संस्था में बड़ी संख्या में छात्र वालंटियर्स का काम करते हैं. करीब 200 छात्र दिव्यांगों की जागरूकता के लिए अपना योगदान देते हैं और उनकी सेवा भी करते हैं. दो साल पूरे होने के अवसर पर इंग्राम इंग्लिश विद्यालय में छात्रों को सम्मानित किया गया. इस मौके पर कई दिव्यांगजन भी शामिल हुए थे. ऋचा को ‘दिव्यांगों की दुर्गा’ भी कहा जाता है. इस असवर पर ऋचा ने बताया की उनका परिवार उनके इस काम में काफी सहयोग करता है. अपने हस्बैंड प्रथम के बारे में उन्होंने बताया की वह उनके बिग सपोर्टर और प्रेरणा हैं.

भावुक होते हुए सांझा किया किस्सा
भावुक पल को साझा करते हुए ऋचा ने बताया कि अभी हम दिव्यांगजनों के लाइसेंस के लिए एक मुहिम चला रहे हैं. वहां एक ऐसे दिव्यांग हैं, जिनका एक पैर नहीं है और परिवार ने भी उनको त्याग दिया है. रोजी-रोटी चलाने और जिंदगी को जीने का साधन ई-रिक्शा ही उनके पास बचा था. अब वह ई -रिक्शा भी चोरी हो गया. जब मैं उनके पास गई तो वह बिना कुछ बोले ही सीधे रोने लगे. यह देख कर मन काफी परेशान हो जाता है.

Tags: Ghaziabad News, UP news

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