रिपोर्ट : विशाल झा
गाजियाबाद. यूपी के गाजियाबाद की 45 वर्षीय डॉक्टर रितु वर्मा अपने पास आने वाले मरीजों के लिए प्रेरणा हैं. वैशाली प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र प्रभारी डॉक्टर रितु वर्मा अपने अवकाश का दिन परिवार के साथ नहीं बल्कि मरीजों का इलाज करते हुए बिताती हैं. इस दिन वो झुग्गी- झोपड़ियों में असहाय वर्ग के लिए निःशुल्क उपचार कैंप का आयोजन करती हैं. डॉक्टर रितु की इस पहल से सैकड़ों ऐसे लोगों को इलाज मिल रहा है, जो अस्पताल में इलाज कराने नहीं आते हैं. अब तक वह 24 स्वास्थ्य शिविर का आयोजन कर चुकी हैं.
दरअसल डॉक्टर रितु वर्मा पिंक हेल्थ एनजीओ से जुडी हुई हैं. इस एनजीओ के संयुक्त प्रयास से ही महिलाओं को मासिक धर्म के बारे में जानकारी दी जाती है. मासिक धर्म से जुड़े विभिन्न पहलुओं पर चर्चा करने के साथ ही सेनेटरी पैड का वितरण भी इन महिलाओं के बीच किया जाता है. अगर जांच में महिला का हीमोग्लोबिन कम मिलता है, तो उनके आहार के साथ दवाई की भी व्यवस्था की जाती है.
कविताओं के द्वारा बढ़ाती है मरीजों का मनोबल
कहते हैं कि बीमार व्यक्ति को दवा और दुआ की जरूरत होती है. वहीं, रितु दवा-दुआ के साथ कविता को भी जोड़ती है. दरअसल डॉक्टर होने के साथ ही इनकी रूचि साहित्य और लेखनी में भी है. रितु ने अपनी कविताओं की एक किताब भी लिखी है जिसका नाम है ‘मैं अनमनी सी’. News 18 local को रितु ने बताया कि कई बार मरीज काफी ज्यादा नकारात्मक हो जाते है. ऐसी परिस्थिति में उनका मनोबल बढ़ाने के लिए मैं उन्हें कविताएं सुनाती हूं,ताकि वो अपनी तकलीफ के बारे में ज्यादा नहीं सोचें.
डॉ रितू ने सुनाई कविता
वर्ष 2012 में रितु का चयन स्वास्थ्य विभाग में बतौर डॉक्टर के रुप में हुआ था. वह जिला एमएमजी अस्पताल में भी अपनी सेवाएं दे चुकी हैं. पिछले तीन वर्षो से रितु वैशाली प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र की प्रभारी हैं. वहीं, रितु ने हमें अपनी एक कविता की दो पंक्तिया सुनाई जो बेटियों पर लिखी गई थीं.
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