विशाल झा
गाज़ियाबाद. हर वर्ष 29 मार्च को वर्ल्ड पियानो डे मनाया जाता है. पियानो एक ऐसा म्यूजिकल इंस्ट्रूमेंट है जो पूर्व में काफी महंगा मिलता था. लेकिन, समय के साथ अब पियानो आम पसंद बन गया हैं. दिल्ली से सटे गाज़ियाबाद में नन्हे-मुन्ने बच्चे पियानो बजाना सीख रहे हैं. इन बच्चों को यह इंस्ट्रूमेंट बजाना इनकी टीचर मुक्ता वार्ष्णेय सिखाती हैं. मुक्ता का गाजियाबाद के वसुंधरा में संगीत शिक्षा केंद्र के नाम से एकेडमी है.
छठवीं क्लास में पढ़ने वाली मायरा पिछले एक साल से पियानो बजा रही हैं. मायरा पियानो बजाकर काफी अच्छा महसूस करती हैं. वो बॉलीवुड के कई गीतों को शानदार ढंग से बजाती हैं. मायरा ने छोटी उम्र में ही पियानो वादन की दुनिया में अपना नाम कर लिया है.
ऐसे ही इशिता भी कई गीतों को बड़ी आसानी से बजा लेती है. इन बच्चों को संगीत की शिक्षा देने वाली मुक्ता वार्ष्णेय ने बताया कि आजकल पियानो को लेकर काफी दिलचस्पी बढ़ रही है. पियानो बजाने से मन की शांति मिलती है. पियानो को बजाने में बच्चे को की (key) और कंपोजीशन का ध्यान रखना पड़ता है.
तनाव से दूर रखता है पियानो
पियानो एक डिफरेंट इंस्ट्रूमेंट है. इसको वेस्टर्न ढंग से भी सिखाया जाता है. वैसे तो मुख्य तरीके से सा.रे.गा.मा.पा की ध्वनि सुर के जरिए बच्चे सीखते हैं.
मुक्ता पियानो के अलावा तबला, वॉयलिन आदि चीजें भी बजाना सिखाती है. उन्होंने बताया कि संगीत बच्चों को डिप्रेशन से दूर रखता है. यह पढ़ाई में उनका फोकस भी बढ़ाता है.
पियानो कीज
नेचुरल:- पियानो के सफेद की को नेचुरल कहते हैं. पियानो में कुल 52 नेचुरल की होते हैं. इससे काफी अलग धुन निकलती है.
एक्सीडेंटल:- पियानो में जो ब्लैक की होती है उसको एक्सीडेंटल कहते हैं. कुल 36 ब्लैक की पियानो में होते हैं.
जो वाइट कीज होती हैं वो ब्लैक कीज के अपेक्षा में थोड़ी कम ध्वनि उत्पन्न करती हैं.
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