पढ़िए, आतंकियों से मुठभेड़ में शहीद यूपी के कर्नल राय और उनके परिवार की वीर गाथा

जम्मू-कश्मीर के के पुलावामा जिले में हिजबुल मुजाहिद्दीन के आतंकियों के साथ मुठभेड़ में सेना का एक अधिकारी और पुलिस कर्मी शहीद हो गए। शहीद होने वाले कर्नल एमएम राय को गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर वीरता पुरस्कार देने का एलान हुआ था। राय पूर्व उत्तर-प्रदेश के गाजी पुर के रहने वाले थे।
जम्मू-कश्मीर के के पुलावामा जिले में हिजबुल मुजाहिद्दीन के आतंकियों के साथ मुठभेड़ में सेना का एक अधिकारी और पुलिस कर्मी शहीद हो गए। शहीद होने वाले कर्नल एमएम राय को गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर वीरता पुरस्कार देने का एलान हुआ था। राय पूर्व उत्तर-प्रदेश के गाजी पुर के रहने वाले थे।
- News18
- Last Updated: January 28, 2015, 10:05 AM IST
जम्मू-कश्मीर के के पुलावामा जिले में हिजबुल मुजाहिद्दीन के आतंकियों के साथ मुठभेड़ में सेना का एक अधिकारी और पुलिस कर्मी शहीद हो गए। शहीद होने वाले कर्नल एमएम राय को गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर वीरता पुरस्कार देने का एलान हुआ था। राय पूर्व उत्तर-प्रदेश के गाजी पुर के रहने वाले थे।
राय को पिछले साल दक्षिण कश्मीर में आतंकवादियों के साथ मुठभेड़ में उनकी भूमिका को लेकर युद्ध सेवा पदक से पुरस्कृत किया गया।
सेना के प्रवक्ता ने कहा कि दोनों आतंकी स्थानीय थे। मुठभेड़ उस वक्त शुरू हुई जब गुप्त सूचनाओं के आधार पर पुलिस के साथ राष्ट्रीय राइफल्स के जवानों ने इलाके में सर्च ऑपरेशन चलाना शुरू किया था। बताया गया था कि कुछ स्थानीय लोगों के साथ हिजबुल के आतंकी यहां छिपे हुए हैं।
पुलिस ने राष्ट्रीय राइफल्स की मदद से तलाशी अभियान शुरू किया, जिसके बाद आतंकवादियों और सुरक्षा बलों के बीच मुठभेड़ हुई। पुलिस के अनुसार मुठभेड़ में मारे गए आतंकवादियों की पहचान मिंडोरा निवासी आदिल खान और शिराज डार के रूप में हुई है। वे हिज्बुल मुजाहिद्दीन से जुड़े थे। मुठभेड़ स्थल से हथियार और गोला-बारूद बरामद किए गए।नायकों का परिवार
एमएम राय पूर्व उत्तर प्रदेश के गाजीपुर में पले बढ़े। उनके पिता स्कूल में शिक्षक थे। राय के बढ़े भाई वाई एन राय सीआरपीएफ में तैनात हैं। नवंबर 2002 में जब जम्मू के प्रसिद्ध रघुनाथ मंदिर पर लश्कर-ए-तैयबा फिदायीन (आत्मघाती) दस्ते ने धावा बोला था तो उन्होंने एक दर्जन से अधिक आतंकियों को मार गिराया था और कई अन्य घायल हो गए थे। इस आतंकी हमले में वह भी बुरी तरह घायल हो गए थे। उनके इस अद्भुत सहास के लिए उन्हें पुलिस वीरता पुरस्कार से सम्मानित किया जा चुका है।
राय के दूसरे भाई कर्नल डीएन राय भी गोरखा रेजिमेंट में हैं और 1990-1991 में जम्मू एवं कश्मीर में ऑपरेशन के लिए उन्हें भी पदक से सम्मानित किया जा चुका है।
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राय को पिछले साल दक्षिण कश्मीर में आतंकवादियों के साथ मुठभेड़ में उनकी भूमिका को लेकर युद्ध सेवा पदक से पुरस्कृत किया गया।
सेना के प्रवक्ता ने कहा कि दोनों आतंकी स्थानीय थे। मुठभेड़ उस वक्त शुरू हुई जब गुप्त सूचनाओं के आधार पर पुलिस के साथ राष्ट्रीय राइफल्स के जवानों ने इलाके में सर्च ऑपरेशन चलाना शुरू किया था। बताया गया था कि कुछ स्थानीय लोगों के साथ हिजबुल के आतंकी यहां छिपे हुए हैं।
पुलिस ने राष्ट्रीय राइफल्स की मदद से तलाशी अभियान शुरू किया, जिसके बाद आतंकवादियों और सुरक्षा बलों के बीच मुठभेड़ हुई। पुलिस के अनुसार मुठभेड़ में मारे गए आतंकवादियों की पहचान मिंडोरा निवासी आदिल खान और शिराज डार के रूप में हुई है। वे हिज्बुल मुजाहिद्दीन से जुड़े थे। मुठभेड़ स्थल से हथियार और गोला-बारूद बरामद किए गए।नायकों का परिवार
एमएम राय पूर्व उत्तर प्रदेश के गाजीपुर में पले बढ़े। उनके पिता स्कूल में शिक्षक थे। राय के बढ़े भाई वाई एन राय सीआरपीएफ में तैनात हैं। नवंबर 2002 में जब जम्मू के प्रसिद्ध रघुनाथ मंदिर पर लश्कर-ए-तैयबा फिदायीन (आत्मघाती) दस्ते ने धावा बोला था तो उन्होंने एक दर्जन से अधिक आतंकियों को मार गिराया था और कई अन्य घायल हो गए थे। इस आतंकी हमले में वह भी बुरी तरह घायल हो गए थे। उनके इस अद्भुत सहास के लिए उन्हें पुलिस वीरता पुरस्कार से सम्मानित किया जा चुका है।
राय के दूसरे भाई कर्नल डीएन राय भी गोरखा रेजिमेंट में हैं और 1990-1991 में जम्मू एवं कश्मीर में ऑपरेशन के लिए उन्हें भी पदक से सम्मानित किया जा चुका है।
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