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Gorakhpur Zoo: गोरखपुर चिड़ियाघर में बाघ और शेर की खुराक हो गई कम, जानिए पीछे की वजह

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Gorakhpur News: शाकाहारी वन्यजीवों के खानपान में पानी वाले फलों की मात्र बढ़ाई गई है. (File pic)

Gorakhpur News: गोरखपुर के शहीद अशफाक उल्ला खां प्राणि उद्यान के पशु चिकित्सक डॉ. योगेश प्रताप सिंह ने बताया कि वन्यजीव ...अधिक पढ़ें

रिपोर्ट: अभिषेक सिंह

गोरखपुर: मौसम में बदलाव के साथ ही गोरखपुर चिड़ियाघर के वन्यजीवों के खानपान में परिवर्तन हो गया है. बाघ व शेर की खुराक कम हो गई. जबकि मगरमच्छ और घड़ियाल की खुराक बढ़ गई है. वन्यजीवों के खाने में पानी वाले फलों की मात्रा बढ़ाई गई है. तेजी से बढ़ रही गर्मी को देखते हुए शहीद अशफाक उल्ला खां प्राणि उद्यान के वन्यजीवों के खानपान में चिड़ियाघर प्रशासन ने बदलाव किया है. बाघ-शेर जैसे मांसाहारी वन्यजीवों की खुराक कम हुई है. शाकाहारी वन्यजीवों के खानपान में पानी वाले फलों की मात्र बढ़ाई गई है.

गोरखपुर चिड़ियाघर में ठंडे खून वाले सरीसृप वर्ग के वन्यजीवों जैसे घड़ियाल, मगरमच्छ, अजगर जैसे की खुराक बढ़ा दी गई है. सभी वन्यजीवों के भोजन में इलेक्ट्रोलाइट जोड़ दिया गया है. साथ ही विटामिन ए, डी-3, विटामिन ई, बी-कांप्लेक्स जैसी एंट्री स्ट्रेस दवाएं भी भोजन में दी जा रही हैं. चिड़ियाघर प्रशासन के मुताबिक शेर और बाघ को 14 की जगह अब 10 किलोग्राम तक मांस ही दिया जा रहा है. इसी तरह तेंदुए और लकड़बग्घा जैसे छोटे मांसाहारी वन्यजीवों के भोजन की मात्रा पांच किलोग्राम से घटाकर तीन से चार किलो तक कर दी गई है.

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दरियाई घोड़ा और गैंडा को हरा चारा के साथ गुड़ दिया जा रहा है. घड़ियाल, मगरमच्छ, अजगर के साथ सभी सांपों को जाड़े में 20 दिन से एक महीने में एक बार भोजन (चूहा, खरगोश आदि) दिया जाता था. अब उन्हें यह भोजन सप्ताह में ही दे दिया जा रहा है. विशेषज्ञों के मुताबिक इन वन्यजीवों को गर्मी में अधिक भूख लगती है, क्योंकि ठंडे खून वाले वन्यजीव होने के चलते गर्मी में इनकी गतिविधियां बढ़ जाती हैं. ठंड में गतिविधि कम होने के चलते उन्हें भूख नहीं लगती.

गर्मी और जाड़े में अलग-अलग भोजन
गोरखपुर के शहीद अशफाक उल्ला खां प्राणि उद्यान के पशु चिकित्सक डॉ. योगेश प्रताप सिंह ने बताया कि वन्यजीवों की प्रकृति के अनुसार उनके लिए गर्मी और जाड़े में अलग-अलग भोजन की मात्रा निर्धारित है. गर्मी में मांसाहारी वन्यजीवों का भोजन कम दिया जाता है. जबकि सरिसृप वर्ग के वन्यजीवों के भोजन की मात्रा बढ़ा दी जाती है. इसे ध्यान में रखकर ही प्राणि उद्यान के वन्यजीवों के भोजन की मात्रा में परिवर्तन सुनिश्चित किया गया है. शाकाहारी जानवरों के भोजन में पानी वाले फलों व सब्जियों को शामिल किया गया है.

Tags: Gorakhpur news, Health News, Lion video, Tiger reserve, Up forest department

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