अभिषेक कुमार सिंह
गोरखपुर. उत्तर प्रदेश के गोरखपुर जिला जेल में महिला बंदियों के बढ़ने से बैरक कम पड़ रही है. इसको लेकर गोरखपुर जेल प्रशाशन परेशान है. गोरखपुर जिले में महिला अपराधियों की संख्या तेजी से बढ़ रही है जिससे जेल की बैरक छोटी पड़ने लगी है. 30 की क्षमता वाले बैरक में 130 महिला बंदी यानी क्षमता से चार गुना बंदियों को रखा जा रहा है. जेल प्रशासन ने महिला बंदियों की बढ़ती संख्या को देखते हुए चार साल पहले शासन को इससे अवगत कराया था. उसके लिए 60 महिला बंदियों की क्षमता के बैरक को हरी झंडी मिली थी, और 99 लाख रुपये का बजट जारी हुआ था, लेकिन यह निर्माण अभी अधूरा है.
महिला अपराधियों की संख्या जिले में पहले न के बराबर होती थी. यही वजह रही कि जेल में पुरुष बंदियों के लिए जहां 16 से ज्यादा बैरक बनाए गए. वहीं, महिला बंदियों के लिए सिर्फ एक बैरक का निर्माण हुआ था. माना जाता था कि 1,000 पुरुष अपराधी के अनुपात में 30 से ज्यादा महिला अपराधी नहीं होंगी. मगर अब इनकी संख्या चार गुना तक पहुंच गई है. दो दशक पहले महिला अपराधी के रूप में दहेज उत्पीड़न या फिर हत्या के आरोप में ही अधिकतर महिलाएं जेल आती थीं. चोरी या अन्य अपराधों में इक्का-दुक्का महिला अपराधी होती थी. मगर अब हर तरह के अपराध में महिला अपराधियों की संख्या बढ़ रही है.
महिला बंदियों के लिए बैरक का निर्माण अधूरा
न्यूज़ 18 लोकल से बात करते हुए जेल अधीक्षक ओ.पी कटियार ने बताया कि महिला बंदियों की संख्या वर्तमान में काफी बढ़ गई है. उनके लिए एक बैरक का निर्माण चल रहा है, लेकिन ठेकेदार आधा काम छोड़कर फरार हो गया है. निर्माण कार्य पूरा होने के बाद जेल में महिला कैदियों के लिए जगह की कमी दूर हो जाएगी. निर्माण के लिए कार्यदायी संस्था को दर्जनों बार लिखित शिकायत किया गया है, लेकिन समस्या जस की तस है. जेल में बढ़ती महिला बंदियों की संख्या से दिक्कतें पेश आ रही हैं. हमलोग किसी तरह उनको एडजस्ट कर रहे हैं.
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