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Health Tips: महिलाओं को मोटापे के कारण मां बनने में हो रही दिक्कत, पढ़ें एक्सपर्ट की राय

राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण (एनएफएचएस) की पांचवीं रिपोर्ट के मुताबिक, मोटापे की वजह से गोरखपुर जिले की करीब 64 ...अधिक पढ़ें

    रिपोर्ट: अभिषेक सिंह 

    गोरखपुर. भारत में कुपोषण के कारण 50 फीसदी से अधिक महिलाएं कमजोर, बौने और जन्मजात बीमारियों से ग्रस्त बच्चों को जन्म दे रही हैं. साथ ही रक्त अल्पता की बीमारियों का सामना कर रही हैं. वहीं, देश के कुछ राज्य ऐसे भी हैं, जहां महिलाओं के लिए मोटापा गंभीर शारीरिक और मानसिक समस्या बन रहा है. यानी महिलाओं को मोटापे की वजह से कई बीमारियां घेर रही हैं. इससे सबसे बड़ी दिक्कत मां बनने में हो रही है.10 में से तीन महिलाओं को यह समस्या है. दरअसल मोटापे की वजह से महिलाएं देर से गर्भधारण करती हैं.

    वहीं, गोरखपुर जिले की हर चौथी महिला मोटापे की चपेट में है. इसके अलावा हर चौथी किशोरी और महिला का वजन निर्धारित मानक से ज्यादा है. पांच साल पहले 15 से 49 वर्ष आयु वर्ग की 20 प्रतिशत महिलाएं मोटापे से परेशान थीं, अब यह बढ़कर 23.3 प्रतिशत हो गया है. मोटापे के कारण महिलाओं को मां बनने में भी परेशानी हो रही है. बताया जा रहा है कि हर 10 में से तीन महिलाएं मोटापे की वजह से मां नहीं बन पा रही हैं.

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    64 फीसदी गर्भवती महिलाएं हाईरिस्क की श्रेणी में
    इसका खुलासा राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण (एनएफएचएस) की पांचवीं रिपोर्ट में हुआ है. रिपोर्ट में यह बात भी सामने आई है कि मोटापे की वजह से गोरखपुर जिले की करीब 64 फीसदी गर्भवती महिलाएं हाईरिस्क की श्रेणी में है. मोटापे के कारण महिलाओं और पुरुषों में शुगर और रक्तचाप की समस्या तेजी से बढ़ा है. इसके अलावा अन्य कई बीमारियां भी उन्हें घेर रही हैं. एक तरफ महिलाओं में मोटापा बढ़ रहा है. वहीं, पांच साल से कम उम्र के बच्चों में मोटापा के मामले कम हुए हैं. एनएफएचएस-चार में यह 1.6 फीसदी था. जबकि एनएफएचएस-पांच में यह 1.3 फीसदी हो गया है, जो बच्चों की सेहत के लिए ठीक नहीं है.

    मोटापे की वजह से शुगर का भी खतरा
    नगरीय सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र सिविल लाइंस की स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ. प्रियंका ने बताया कि मोटापे की वजह से लोगों के खून में वसा का स्तर बढ़ने लगता है. इससे मांसपेशियों की कोशिकाओं में तनाव बढ़ जाता है. कोशिकाओं में रक्त का संचार कम होता है. इससे शरीर में तमाम तरह की परेशानियां होती हैं. चेहरे की रंगत बिगड़ने लगती है. शरीर के बाहरी हिस्सों में दाग भी पड़ जाते हैं. इनसे कार्डियोवस्कुलर और डायबिटीज टाइप-2 हो जाता है. मोटे लोगों में गाल ब्लैडर की पथरी, अर्थराइटिस, स्लीप एप्निया के साथ ही संतानहीनता का भी खतरा रहता है.

    मां बनने के साथ कई बीमारियां भी घेर रहीं
    डॉ. प्रियंका ने बताया कि महिलाओं में मोटापा की वजह से कई बीमारियां घेर रही हैं. सबसे बड़ी दिक्कत मां बनने में हो रही है. 10 में से तीन महिलाओं को यह समस्या है. मोटापे की वजह से महिलाएं देर से गर्भधारण करती हैं. अगर किसी तरह गर्भधारण हो भी जाता है, तो वह टिकता नहीं है. इसके साथ ही डॉ. प्रियंका ने जानकारी देते हुए यह भी बताया कि अभी हाल ही में एक सर्वे हुआ है.जिसमें ये खुलासा हुआ है कि कुछ महिलाएं तनावपूर्ण जीवन जी रही हैं. कुछ तो ऐसी हैं जो पढ़ाई करते-करते ओवर एज हो जाती हैं. जिससे उनके एक्टिविटी कम हो जाती हैं और उनमें हारमोंस डिक्रीज हो जाता है.

    फिजिकल एक्टिविटी कम हो जाती है
    डॉ. प्रियंका के मुताबिक, हारमोनियम थायराइड की वजह से भी महिलाएं मां नहीं बन पाती है. इसी के साथ ही उन्होंने कहा कि अधिकतर उन महिलाओं में भी यह समस्याएं आ रही है जिनकी शादी ज्यादा उम्र में हो रही है. दरअसल ओवर एज हो जाने पर उनमें फिजिकल एक्टिविटी कम हो जाती है. जिससे वह मां नहीं बन पाती है.

    Tags: Female Health, Gorakhpur news, Health Facilities

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