योगी के शहर में इस 'पुलिसवाले' ने कचरा बीनने वालों के साथ मनाया अपना जन्मदिन

जन्मदिन मनाते एसआई प्रमोद सिंह
बता दें कि गोरखपुर के रेलवे पुलिस चौकी पर तैनाती के दौरान ही उन्होंने गरीब बच्चों को नंगे पांव घूमते देखा. उन्होंने बच्चों को बुलाया, तो वे सहम गए. लेकिन, जब उन्होंने सभी बच्चों को चप्पल उपहार में दी, तो वे खुशी से उनसे लिपट गए.
- News18Hindi
- Last Updated: December 1, 2018, 3:18 PM IST
सीएम योगी के शहर गोरखपुर में तैनात एसआई प्रमोद सिंह को सड़क पर कचरा बीनने वाले गरीब बच्चों के साथ केक काटकर अपना जन्मदिन मनाया. गोरखनाथ थानाक्षेत्र की धर्मशाला चौकी पर तैनात एसआई प्रमोद सिंह ने अपना 44वां जन्मदिन गरीब बच्चों के बीच मनाया. प्रमोद सिंह कहते हैं कि अगर हर इंसान किसी एक भूखे को रोज भोजन उपलब्ध कराने का संकल्प ले, तो हमारे देश में कोई भी भूखा नहीं सोएगा. उन्होंने कहा कि उनके द्वारा बनाई गई संस्था का भी यही ध्येय है. जिससे आज काफी लोग जुड़कर लोगों की मदद के लिए हाथ बढ़ा रहे हैं. यही वजह है कि आज ये बच्चे जब उन्हें देखते हैं, तो प्यार से उनसे लिपट जाते हैं.
मूलतः बिहार के भभुआ (कैमूर) जिले के रहने वाले एसआई प्रमोद सिंह साल 1994 में सिपाही के पद पर उनका चयन हुआ थ. उसके बाद उन्होंने 16 साल फोरेंसिक विभाग में कार्य किया. साल 2013 में विभागीय रैंकर परीक्षा उत्तीर्ण कर वे एसआई (सब इंस्पेक्टर) बने. बता दें कि गोरखपुर के रेलवे पुलिस चौकी पर तैनाती के दौरान ही उन्होंने गरीब बच्चों को नंगे पांव घूमते देखा. उन्होंने बच्चों को बुलाया, तो वे सहम गए. लेकिन, जब उन्होंने सभी बच्चों को चप्पल उपहार में दी, तो वे खुशी से उनसे लिपट गए.

उसके बाद जब उनकी तैनाती धर्मशाला चौकी पर हुई, तो कुछ ऐसे लोग संपर्क में आए, जिनके सहयोग से उन्होंने जरूरतमंदों और गरीब बच्चों के लिए कुछ करने की ठान ली. कहते हैं कि जब सोच बड़ी हो और कुछ कर गुजारने का जज्बा दिल में हो, तो कुछ भी नामुमकिन नहीं होता है. हर दिन हजारों गरीब बच्चों, बेसहरा, मानसिक रूप से बीमार और सड़क पर जीवन गुजर-बसर करने वाले जरूरतमंदों की सेवा को ही प्रमोद सिंह ने जीवन का लक्ष्य बना लिया है.ये भी पढ़ें:
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मूलतः बिहार के भभुआ (कैमूर) जिले के रहने वाले एसआई प्रमोद सिंह साल 1994 में सिपाही के पद पर उनका चयन हुआ थ. उसके बाद उन्होंने 16 साल फोरेंसिक विभाग में कार्य किया. साल 2013 में विभागीय रैंकर परीक्षा उत्तीर्ण कर वे एसआई (सब इंस्पेक्टर) बने. बता दें कि गोरखपुर के रेलवे पुलिस चौकी पर तैनाती के दौरान ही उन्होंने गरीब बच्चों को नंगे पांव घूमते देखा. उन्होंने बच्चों को बुलाया, तो वे सहम गए. लेकिन, जब उन्होंने सभी बच्चों को चप्पल उपहार में दी, तो वे खुशी से उनसे लिपट गए.

गरीब बच्चों को खिलाया खाना
उसके बाद जब उनकी तैनाती धर्मशाला चौकी पर हुई, तो कुछ ऐसे लोग संपर्क में आए, जिनके सहयोग से उन्होंने जरूरतमंदों और गरीब बच्चों के लिए कुछ करने की ठान ली. कहते हैं कि जब सोच बड़ी हो और कुछ कर गुजारने का जज्बा दिल में हो, तो कुछ भी नामुमकिन नहीं होता है. हर दिन हजारों गरीब बच्चों, बेसहरा, मानसिक रूप से बीमार और सड़क पर जीवन गुजर-बसर करने वाले जरूरतमंदों की सेवा को ही प्रमोद सिंह ने जीवन का लक्ष्य बना लिया है.ये भी पढ़ें:
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