अयोध्या में श्रीराम मंदिर निर्माण में मुस्लिमों भक्तों से भी लिया जाएगा दान- VHP

अयोध्या में श्रीराम मंदिर निर्माण में लिया जायेगा मुस्लिमों से भी दान
आर्थिक विषय (Financial Contribution) में पारदर्शिता बनाए रखने के लिए न्यास ने 10 रुपये, 100 रुपये, 1000 रुपये या इससे अधिक देने वाली के लिए रसीद छापी है.
- News18 Uttar Pradesh
- Last Updated: January 4, 2021, 7:09 PM IST
गोरखपुर. श्रीराम जन्मभूमि मंदिर निर्माण (Ram Mandir Construction) निधि समर्पण अभियान को लेकर विश्व हिंदू परिषद के केंद्रीय मंत्री व धर्म सभा यात्रा के राष्ट्रीय प्रमुख़ राजेंद्र सिंह पंकज ने गोरखपुर (Gorakhpur) में कहा कि 15 जनवरी (मकर संक्रान्ति) से 27 फरवरी (माघी पूर्णिमा) तक श्रीराम जन्मभूमि मन्दिर निर्माण निधि समर्पण अभियान चलेगा. श्री अयोध्या में बनने वाले भव्य दिव्य श्रीराम मन्दिर के लिए देश भर के प्रत्येक श्रीराम भक्तों का सहयोग लिया जाएगा. यह धन संग्रह नहीं, समर्पण निधि है. इसके लिए घर-घर जाने की योजना है. एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि अगर मुस्लिम समाज भी उत्साह से सहयोग करता है तो उसका स्वागत करेंगे.
जो भी राम को अपना और अपना राम की भावना रखता है, ऐसे सभी लोगों को इस अभियान से जोड़ा जाएगा. यह अब तक का सबसे बड़ा अभियान होगा. यह जनता का मंदिर होगा, जो जनता के सहयोग से बनेगा. राम मंदिर की योजना वृहद है, इसलिए समाज का वृहद सहयोग चाहिए. इस सघन अभियान में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ और विचार परिवार के कार्यकर्ता देश के 4 लाख गांवों के 11 करोड़ परिवारों से सम्पर्क कर श्रीराम जन्मभूमि से सीधे जोड़कर रामत्व का प्रसार करेंगे. देश की हर जाति, मत, पंथ, संप्रदाय, क्षेत्र, भाषा के लोगों के सहयोग के साथ श्रीराम मन्दिर वास्तव में एक राष्ट्र मन्दिर का रूप लेगा.
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असंख्य श्रीराम भक्तों के संघर्ष व बलिदान को नमन् करते हुए उन्होंने प्रत्येक राम भक्त से इस राम काज के लिए बढ़-चढ़ कर आगे आने का आह्वान किया. उन्होंने कहा कि इसके लिए हमें सिर्फ निधि-दानी ही नहीं अपितु, समय-दानी भी चाहिए. कहा कि भगवान श्रीराम की जन्मभूमि को पुनः प्राप्त कर देश के सम्मान की रक्षा के लिए हिन्दू समाज ने 477 साल तक संघर्ष किया. इस दौरान साढ़े तीन लाख हिंदू समाज के लोगों ने बलिदान दिए. अब मन्दिर के निर्माण की तैयारी चल रही है. प्रत्येक मंजिल की ऊंचाई 20 फीट, लंबाई 360 फीट तथा चैड़ाई 235 फीट है. मन्दिर भूतल से 16.5 मीटर ऊंचाई पर रहेगा.उन्होंने ने बताया कि भगवान के कार्य में धन बाधा नहीं हो सकता. आर्थिक विषय में पारदर्शिता बनाए रखने के लिए न्यास ने 10 रुपये, 100 रुपये, 1000 रुपये या इससे अधिक देने वाली के लिए रसीद छापी है. समाज जैसा देगा उसी के अनुरूप कार्यकर्ता कूपन या रसीद देंगे. करोड़ों घरों में भगवान के मन्दिर का चित्र भी पहचाने की तैयारी है.
जो भी राम को अपना और अपना राम की भावना रखता है, ऐसे सभी लोगों को इस अभियान से जोड़ा जाएगा. यह अब तक का सबसे बड़ा अभियान होगा. यह जनता का मंदिर होगा, जो जनता के सहयोग से बनेगा. राम मंदिर की योजना वृहद है, इसलिए समाज का वृहद सहयोग चाहिए. इस सघन अभियान में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ और विचार परिवार के कार्यकर्ता देश के 4 लाख गांवों के 11 करोड़ परिवारों से सम्पर्क कर श्रीराम जन्मभूमि से सीधे जोड़कर रामत्व का प्रसार करेंगे. देश की हर जाति, मत, पंथ, संप्रदाय, क्षेत्र, भाषा के लोगों के सहयोग के साथ श्रीराम मन्दिर वास्तव में एक राष्ट्र मन्दिर का रूप लेगा.
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असंख्य श्रीराम भक्तों के संघर्ष व बलिदान को नमन् करते हुए उन्होंने प्रत्येक राम भक्त से इस राम काज के लिए बढ़-चढ़ कर आगे आने का आह्वान किया. उन्होंने कहा कि इसके लिए हमें सिर्फ निधि-दानी ही नहीं अपितु, समय-दानी भी चाहिए. कहा कि भगवान श्रीराम की जन्मभूमि को पुनः प्राप्त कर देश के सम्मान की रक्षा के लिए हिन्दू समाज ने 477 साल तक संघर्ष किया. इस दौरान साढ़े तीन लाख हिंदू समाज के लोगों ने बलिदान दिए. अब मन्दिर के निर्माण की तैयारी चल रही है. प्रत्येक मंजिल की ऊंचाई 20 फीट, लंबाई 360 फीट तथा चैड़ाई 235 फीट है. मन्दिर भूतल से 16.5 मीटर ऊंचाई पर रहेगा.उन्होंने ने बताया कि भगवान के कार्य में धन बाधा नहीं हो सकता. आर्थिक विषय में पारदर्शिता बनाए रखने के लिए न्यास ने 10 रुपये, 100 रुपये, 1000 रुपये या इससे अधिक देने वाली के लिए रसीद छापी है. समाज जैसा देगा उसी के अनुरूप कार्यकर्ता कूपन या रसीद देंगे. करोड़ों घरों में भगवान के मन्दिर का चित्र भी पहचाने की तैयारी है.