किसान नेता के बेटे की हार्ट अटैक और भाई की ब्रेन हैमरेज से मौत, एक साथ जली दो चिताएं

. (सांकेतिक फोटो)
उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के ग्रेटर नोएडा (Noida) वेस्ट के ऐमानाबाद गांव में मातम पसरा हुआ है. क्योंकि यहां रहने वाले किसान नेता बिजेंद्र प्रधान (Farmer Leader Bijendra Pradhan) के जवान बेटे और भाई की मौत एक साथ हो गई.
- News18 Uttar Pradesh
- Last Updated: January 12, 2021, 8:29 AM IST
ग्रेटर नोएडा. उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के ग्रेटर नोएडा (Noida) वेस्ट के ऐमानाबाद गांव में मातम पसरा हुआ है. क्योंकि यहां रहने वाले किसान नेता बिजेंद्र प्रधान (Farmer Leader Bijendra Pradhan) के जवान बेटे और भाई की मौत एक साथ हो गई. दोनों की चिताएं भी एक साथ ही ही जलाई गईं. इससे न सिर्फ बिजेन्द्र प्रधान के परिवार बल्कि पूरे गांव में मातम छा गया. बीते शनिवार की रात में बिजेंद्र प्रधान के बेटे 21 वर्षीय अंशुल भाटी को सोते समय अचानक दिल का दौरा पड़ा. अस्पताल में पहुंचते ही उसकी मौत हो गया. इसके बाद बीते रविवार की सुबह यह सूचना बिजेंद्र के छोटे भाई सोमिदर भाटी (35 वर्ष) को दी गई.
मीडिया रिपोर्ट के सोमिदर भाटी मेरठ में रहते थे. उन्हें जब भतीजे की मौत की खबर मिली, तो वे बदहवास तत्काल गाड़ी में सवार होकर गांव के लिए निकले. रास्ते में गाजियाबाद के लालकुंआ पर पहुंचते ही सोमिदर की ब्रेन हेमरेज से मौत हो गई.
गांव में पसरा मातम
बेटे के बाद भाई के शव को देखकर बिजेन्द्र व उसके परिवार वाले बेहोश हो गए. ग्रामीणों ने किसी तरह उन्हें संभाला. कुछ देर बाद जब उन्हें होश आया, तो वे बिलखकर रोने लगे. घर के सभी सदस्यों का रो-रोकर बुरा हाल था. इससे गांव में भी मातम पसर गया. अंशुल भाटी शारदा विवि में बीए द्वितीय वर्ष के छात्र थे. भाई मेरठ में अपना कारोबार करते थे. दोनों को बिजेंद्र ने मुखाग्नि दी. अपने अच्छे व्यवहार के चलते बिजेंद्र प्रधान क्षेत्र में लोकप्रिय हैं. किसान आंदोलनों में बढ़चढ़कर के हिस्सा लेते हैं.
मीडिया रिपोर्ट के सोमिदर भाटी मेरठ में रहते थे. उन्हें जब भतीजे की मौत की खबर मिली, तो वे बदहवास तत्काल गाड़ी में सवार होकर गांव के लिए निकले. रास्ते में गाजियाबाद के लालकुंआ पर पहुंचते ही सोमिदर की ब्रेन हेमरेज से मौत हो गई.
गांव में पसरा मातम
बेटे के बाद भाई के शव को देखकर बिजेन्द्र व उसके परिवार वाले बेहोश हो गए. ग्रामीणों ने किसी तरह उन्हें संभाला. कुछ देर बाद जब उन्हें होश आया, तो वे बिलखकर रोने लगे. घर के सभी सदस्यों का रो-रोकर बुरा हाल था. इससे गांव में भी मातम पसर गया. अंशुल भाटी शारदा विवि में बीए द्वितीय वर्ष के छात्र थे. भाई मेरठ में अपना कारोबार करते थे. दोनों को बिजेंद्र ने मुखाग्नि दी. अपने अच्छे व्यवहार के चलते बिजेंद्र प्रधान क्षेत्र में लोकप्रिय हैं. किसान आंदोलनों में बढ़चढ़कर के हिस्सा लेते हैं.