मेरठ के कैलाश प्रकाश स्पोर्ट्स स्टेडियम में रसोइया के तीरंदाज बेटे नीरज चौहान ने वर्ल्डकप और वर्ल्ड गेम्स में अपनी जगह पक्की कर ली है.
मेरठ. उत्तर प्रदेश के मेरठ (Meerut News) में एक चैंपियन के परिवार की कहानी आजकल चर्चा का विषय बनी हुई है. यहां आईटीबीपी (ITBP) का 19 वर्षीय जवान नीरज चौहान (Archer Neeraj Chauhan) तीरंदाज़ी में सात समंदर पार देश का तिरंगा शान से लहराने की तैयारी कर रहा है तो वहीं स्टेडियम के अस्थायी आवास में रह रहे उसके परिवार को घर खाली करने का नोटिस दे दिया गया है. और तो और इस चैंपियन का परिवार आजकल बिना बिजली के जीवनयापन कर रहा है, क्योंकि अस्थायी आवास खाली कराने को लेकर विद्युत कनेक्शन काट दिया गया है.
मेरठ के कैलाश प्रकाश स्पोर्ट्स स्टेडियम में रसोइया के तीरंदाज बेटे नीरज चौहान ने वर्ल्डकप और वर्ल्ड गेम्स में अपनी जगह पक्की कर ली है. एशियन गेम्स के लिए भी उसका चयन लगभग तय है. हरियाणा के सोनीपत में 24 से 30 मार्च तक आयोजित तीरंदाजी ट्रायल में नीरज ने दूसरा स्थान प्राप्त कर यह उपलब्धि हासिल की. नीरज के चयन पर परिवार में खुशी का माहौल है. पिता अक्षयलाल ने कहा कि बेटे ने सभी का नाम रोशन कर दिया है.
एक तरफ तो नीरज का परिवार लड्डू बांटकर ख़ुशी मना रहा है तो दूसरी तरफ फैमिली मायूस भी है, क्योंकि उसके परिवार को कैलाश प्रकाश स्टेडियम के अस्थाई आवास को खाली करने का नोटिस दिया गया है. परिवार को निकालने के लिए बिजली और पानी की लाइन भी काट दी गई है.
मूल रूप से गोरखपुर निवासी अक्षयलाल ने मेरठ के कैलाश प्रकाश स्टेडियम में खाना बनाया करते थे, लेकिन कोरोना संक्रमण के वक्त उनकी नौकरी चली गई. उस वक्त नीरज और उनके मुक्केबाज भाई सुनील का पिता के साथ ठेले पर सब्जी बेचने का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ तो निवर्तमान केंद्रीय खेल मंत्री किरन रिजिजू ने संज्ञान लिया था और मंत्रालय ने दोनों खिलाड़ियों को 5-5 लाख रुपये की मदद की थी. कुछ महीने बाद ही नीरज का खेल कोटे से आईटीबीपी में चयन हो गया था.
पिता अक्षयलाल ने बताया कि वह स्टेडियम के मेस में खाना बनाया करते थे, लेकिन नौकरी जाने के बाद अब उनको स्टेडियम प्रशासन बाहर निकालने के लिए नोटिस दिया है. वहीं अधिकारियों के अपने तर्क हैं. कैलाश प्रकाश स्पोर्ट्स स्टेडियम के क्षेत्रीय क्रीडा अधिकारी का कहना है कि एडीएम से इस संबंध में पत्राचार किया गया है और जो नियमानुसार है वही कार्रवाई की जा रही है.
क्षेत्रीय क्रीडा अधिकारी गदाधर बारीकी का कहना है कि पांच छह लोग अनऑथोराइज़्ड थे. उनको नोटिस दिया गया है. क्योंकि इनका यहां रहने का कोई अधिकार नहीं है, क्योंकि ये सरकारी कर्मचारी नहीं है तो कौन से आधार पर यहां रह सकते हैं. वो नगर निगम से पैंतीस लाख की रिकवरी होने की भी बात बताते हुए नज़र आते हैं. ख़ैर कैलाश प्रकाश स्पोर्ट्स स्टेडियम प्रशासन का तर्क अपनी जगह है, लेकिन चैंपियन के परिवार का बिना बिजली इस गर्मी में रहना आजकल चर्चा का विषय ज़रूर बना हुआ है.
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Tags: Archery Tournament, ITBP, Meerut news
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