जौनपुर. केराकत (सुरक्षित) विधानसभा सीट पर पिछले 30 साल से त्रिकोणीय संघर्ष देखने को मिलता रहा है. इस सबसे अधिक फायदे में भाजपा रही है. उसे चार बार जीत मिली है, जबकि बसपा दो बार और सपा सिर्फ एक बार कामयाब हो पाई है. 2017 के विधानसभा चुनाव में भी यहां से भाजपा के दिनेश चौधरी ने जीत दर्ज की थी. उन्होंने सपा उम्मीदवार संजय कुमार सरोज को 15 हजार से अधिक मतों से हराया था.
केराकत सीट पर पहला चुनाव 1957 में हुआ था. इसके बाद से लगातार चार चुनाव कांग्रेस ने जीता था. 1969 में यह सीट जनसंघ के पास चली गई थी. हालांकि अगले ही चुनाव 1974 में कांग्रेस ने वापसी कर ली थी. 1977 में यह सीट जनता पार्टी के पास रही. इसके बाद फिर 1989 तक कांग्रेस के कब्जे में रही. यह सीट सबसे अधिक सात बार कांग्रेस के पास रही है. जिसमें से पांच बार राम समझावन ने कांग्रेस को जीत दिलाई थी. 1989 के चुनाव में जनता दल के राजपति जीते थे. 1991 की राम लहर में भाजपा ने जीत दर्ज की थी. इसके बाद 1996 और 2002 में भी यहां से भाजपा जीती. 1993 और 2007 में यह सीट बसपा के पास रही. 2012 में सपा ने बसपा से छीन लिया था.
2017 का परिणाम
भाजपा के दिनेश चौधरी को 84078 वोट मिले थे. दूसरे स्थान पर रहे सपा के संजय कुमार सरोज ने 68819 मत प्राप्त किए थे. 66307 वोट के साथ बसपा की उर्मिला राज तीसरे नंबर पर थीं.
जातीय समीकरण
लगभग चार लाख मतदाताओं वाली केराकत सीट पर अनुसूचित जाति के वोटर करीब एक लाख हैं. यादव 50 हजार, क्षत्रिय 36 हजार, बिंद 35 हजार, ब्राह्मण और वैश्य 23-23 हजार, मुस्लिम 22 हजार, राजभर 19 हजार, मौर्य 18 हजार और चौहान वोटर करीब 17 हजार है.
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