मकर संक्रांति का त्योहार पूरे देश में हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है.हर साल इस अवसर पर लोग नदियों में स्नान करने के साथ भगवान सूर्य की आराधना करते हैं.इस वर्ष कोरोना की तीसरी लहर के बीच झांसी के धर्माचार्य पंडित हरिओम पाठक ने लोगों से अपील की है कि वह नदी या अन्य जलाशयों से दूरी बनाएं और घर में हूं गंगाजल मिश्रित पानी से स्नान करें.इसके बावजूद अगर लोग जलाशयों में जाना चाहते हैं तो उचित दूरी बनाकर रखें.
मकर संक्रांति का दिन होता है अत्यधिक शुभ
पंडित हरिओम पाठक ने बताया कि इस वर्ष कुछ इलाकों में 14 जनवरी तो वहीं कुछ अन्य इलाकों में 15 जनवरी को मकर संक्रांति मनाई जाएगी.उन्होंने बताया कि वर्ष भर में 12 राशियों की संक्रांतियां होती हैं.इनमें मकर मकर संक्रांति से छह महीने तक सूर्य उत्तरायण रहते हैं तथा कर्क राशि की संक्रांति से दक्षिणायन सूर्य आरम्भ होते हैं.उत्तरायण सूर्य में यज्ञ, देवप्रतिष्ठा आदि के लिए शुभ मुहूर्त होते हैं. ऐसी मान्यता है कि जबतक सूर्य उत्तरायण रहते हैं तब तक छह महीनों के लिए देवताओं का दिन रहता है तथा दक्षिणायन सूर्य के महीनों में देवताओं की रात रहती है.अतः मकर संक्रांति का यह दिन देवताओं के लिए प्रातःकाल माना जाता है.
मंदिरों में भी बनाएं सामाजिक दूरी
पंडित हरिओम पाठक ने कहा कि सूर्य की आराधना के पश्चात लोग मंदिर जाते हैं लेकिन इस बार कोरोना के बढ़ते संक्रमण को देखते हुए लोग घर पर ही पूजा करें.इसके साथ ही उन्होंने बताया कि झांसी के मंदिरों में सोशल डिस्टेंसिंग के साथ दर्शन करवाने और श्रद्धालुओं को मास्क लगवाने पर हर हाल में जोर दिया जाए.
(रिपोर्ट – शाश्वत सिंह)
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Tags: Corona, Festival, Jhansi news, Makar Sankranti
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