लड़कियों की शादी की न्यूनतम आयु जो पहले 18 वर्ष थी उसे बढ़ाकर 21 वर्ष करने का प्रस्ताव रखा गया है.इस फैसले पर चर्चाएं शुरू हो गई हैं और लोगों ने इस पर अपने राय देनी भी शुरू कर दी है.झांसी में भी यह फैसला लोगों के बीच चर्चा का विषय बना हुआ है. न्यूज 18 लोकल की टीम ने लोगों से बातचीत कर उनकी राय जानी.
बेहतरकैरियरबना सकेंगी लड़कियां
बुंदेलखंड विश्वविद्यालय से स्नातक कर रही एक छात्रा ने बताया कि सरकार का यह कदम काफी सराहनीय है.इससे लड़कियों को आगे बढ़ने और अपना कैरियर बनाने के लिए समय मिल सकेगा.तो वहीं दूसरी छात्रा ने बताया कि ग्रामीण इलाकों में तो जैसी लड़कियां 18 वर्ष की होती हैं उन पर शादी का दबाव डाला जाता है.कई बार उनकी आगे पढ़ने की इच्छा इसी वजह से दबी रह जाती है.लेकिन, सरकार के इस फैसले से अब वह आगे पढ़ और बढ़ सकेंगी.
लड़कों के बराबर मिलेंगे अधिकार
एक युवक ने सरकार के इस फैसले पर सवाल उठाते हुए कहा कि कोई किस उम्र में शादी करना चाहता है यह उनका निजी फैसला होना चाहिए और सरकार को इसमें हस्तक्षेप नहीं करना चाहिए.तभी
पास ही खड़े एक बुजुर्ग ने इस फैसले का समर्थन करते हुए कहा कि आज के समय में जब लड़के 30 की उम्र तक शादी कर सकते हैं तो लड़कियों पर 18 वर्ष की उम्र में शादी करने का दबाव क्यों डाला जाए.
स्वास्थ्य की दृष्टि से भी लाभदायक
डॉक्टर की पढ़ाई कर रही एक छात्रा ने बताया कि यह फ़ैसला ना सिर्फ सामाजिक तौर पर बल्कि स्वास्थ्य की दृष्टि से भी लड़कियों के लिए काफी लाभदायक होगा.शादी करने के तुरंत बाद लड़कियों पर गर्भ धारण करने का दबाव डाला जाता है लेकिन वह उसके लिए शारीरिक रूप से तैयार नहीं होती हैं.ऐसे में लड़कियों के लिए यह फैसला काफी लाभदायक साबित होगा.
(रिपोर्ट – शाश्वत सिंह)
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