रिपोर्ट- शाश्वत सिंह
झांसी. गर्मी का मौसम शुरू हो चुका है. गर्मी में सबसे ज्यादा जरूरत शुद्ध और ठंडे पानी की होती है. इसके लिए अधिकतर लोग अपने घरों में मिट्टी के मटके रखते हैं. यही नहीं, मटके हर जगह आसानी से मिल जाते हैं लेकिन झांसी में एक कस्बा ऐसा भी है जहां के मटके देशभर मशहूर हैं. कोछाभांवर में बने मटके झांसी से देश के विभिन्न हिस्सों में भेजे जाते हैं. इस गांव में रहने वाले कुम्हार कई पीढ़ियों से मटके बनाने का काम करते आ रहे हैं.
कोछाभांवर में मटके बनाने वाले भगवत प्रजापति कहते हैं कि दो बातें यहां के बने मटकों को देश के किसी भी अन्य हिस्से में बने मटके से अलग करती हैं. पहली यहां की काली मिट्टी, जो लंबे समय तक पानी को ठंडा रख सकती है और उसे शुद्ध करने का काम भी करती रहती है. दूसरी खासियत इस गांव के मटकों को चाक के बजाए हाथ से ही आकार दिया जाता है.
हाथ से बनाए जाते हैं मटके
भगवत कहते हैं कि एक मटके को बनाने में कम से कम 1 घंटे का समय लग जाता है. पहले चरण में इसे हाथ से कच्चा आकार दिया जाता है. इसके बाद एक लकड़ी की थापी की मदद से मटके को अंतिम आकार दिया जाता है. फिर इस मटके को पकाया जाता है. कोछाभांवर के मटके कभी चटकते नहीं हैं. एक मटका 100 रुपये से लेकर 200 रुपये तक का बिकता है. झांसी कानपुर हाईवे पर कोंछाभंवर में बने मटके की कई दुकानों लाइन से लगी हुई हैं.
.
Tags: Jhansi news, UP news
‘आदिपुरुष’ ही नहीं, इन 5 फिल्मों पर भी खूब मचा था बवाल, कभी सीन तो कभी नाम बना कारण, करने पड़े थे बड़े बदलाव
PHOTOS: बागेश्वर धाम प्रमुख ने ओडिशा ट्रेन हादसे पर जताया दुख, क्या उन्हें ऐसी घटना का पता चलता है?
Work From Home Jobs: हमेशा के लिए चाहिए वर्क फ्रॉम होम, तो यहां बनाएं करियर, कमाई भी होगी लाखों में