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ललितपुर: गौ-आश्रय में गायों की मौत मामले में DPRO, बीडीओ समेत 8 खिलाफ मुकदमा दर्ज

(सांकेतिक तस्वीर)

(सांकेतिक तस्वीर)

ललितपुर (Lalitpur): मुख्य पशु चिकित्साधिकारी डॉ. एस.के. शाक्य की तहरीर पर थाना सौजना में आईपीसी की धारा-166 व 269 के तह ...अधिक पढ़ें

ललितपुर. उत्तर प्रदेश के ललितपुर (Lalitpur) में विकासखंड मडावरा के अंतर्गत थाना सौजना के स्थानीय गांव में संचालित गौशाला में दर्जनों गौवंशों की मौत के मामले में लगातार एक्शन जारी है. मुख्य पशु चिकित्साधिकारी डॉ. एस.के. शाक्य की तहरीर पर थाना सौजना में आईपीसी की धारा-166 व 269 के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है. दरअसल गौ-आश्रय सौजना में 2 दर्जन से अधिक गायों की मौत हो गई थी. इस मामले में नोडल अधिकारी (डीपीआरओ) डॉ. अवधेश सिंह, बीडीओ सुनील कुमार, पशुधन अधिकारी डॉ. रंजीत कुशवाहा, क्षेत्रीय वन अधिकारी अब्दुल शमी अंसारी, राजस्व निरीक्षक मनोहर राजपूत, ग्राम विकास अधिकारी सौरभ यादव, लेखपाल घनश्याम सेन व ग्राम प्रधान अजय वीर विक्रम के खिलाफ मुकद्दमा दर्ज किया गया है.

लापरवाही के दोषी पाए गए कई अफसर, कर्मचारी

बता दें गौ-आश्रय में ठंड के साथ भूख-प्यास से हुई गायों की मौत को लेकर विभिन्न संगठन लगातार कार्रवाई की मांग कर रहे थे. जिला प्रशासन ने खंड विकास अधिकारी सहित आठ लोगों को दोषी मानते हुए मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी को निर्देश देकर मामला दर्ज कराया. जिला प्रशासन के निर्देश पर पशु चिकित्सा अधिकारी कृष्ण शाक्य महरौनी ने थाना सोजना पुलिस को लिखित रूप से शिकायती पत्र देकर खंड विकास अधिकारी महरौनी सुनील कुमार सिंह सहित 8 अन्य दोषी अधिकारी कर्मचारियों के खिलाफ तहरीर दी. बताया गया है कि इन लोगों ने लोक सेवक होने के नाते कार्य में लापरवाही बरती, जिससे गोवंश की मौत हुई. उन्हें खुले में डाल दिया गया, जिससे आम लोगों पर दुष्प्रभाव भी पड़ा. थाना सौजना पुलिस ने मामले को संज्ञान में लेकर तहरीर के आधार पर 166, 269 धाराओं में मामला पंजीकृत कर कार्रवाई की है.

जमकर हो रहा विरोध

गौरतलब है कि प्रदेश सरकार की मंशा के अनुरूप आवारा गोवंश को संरक्षित करने के लिए कस्बा सोजना में संचालित गौशाला में अधिकारी कर्मचारियों की लापरवाही के कारण दर्जनों गोवंशों की मौत हुई थी. जिसकी तस्वीरें सोशल मीडिया पर वायरल हुई और समाचार पत्रों और न्यूज़ चैनलों पर खबरें भी चलाई गई. इसके बाद कांग्रेस, सपा के साथ कई स्वयंसेवी संस्थाओं ने जमकर प्रदर्शन किया और दोषियों के खिलाफ मामला दर्ज करने के लिए ज्ञापन भी दिए.

इसके पश्चात जिलाधिकारी ए दिनेश कुमार ने पूरे मामले की जांच के आदेश दिए और जांच रिपोर्ट आने के बाद पशु चिकित्सा अधिकारी को निर्देशित कर प्रथम दृष्टया दोषी खंड विकास अधिकारी सुनील कुमार सिंह के साथ 8 लोगों को आरोपी बनाया गया और उनके खिलाफ मामला भी दर्ज कराया गया.

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