ललितपुर में 70-80 लाख टिड्डियों को मार गिराया गया
ललितपुर. उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के ललितपुर (Lalitpur) जिले में पाकिस्तानी टिड्डी दल (Pakistani Locust Swarm) के हमले को नाकाम करने के लिए कृषि विभाग और भारत सरकार की संयुक्त टीम की तरफ से चलाए गए ऑपरेशन में 75 फीसदी टिड्डियों को मारने का दावा किया गया है. रविवार रात को महरौनी तहसील के खितबांस गांव में चले संयुक्त ऑपरेशन के दौरान करीब 70-80 लांख टिड्डियों को मार गिराया गया है. केमिकल के छिड़काव के चलते डेढ़ किलोमीटर के ऐरिया में मरे हुए टिड्डी पड़े हुए हैं. बता दें एमपी के शिवपुरी की तरफ से ललितपुर जिले में टिड्डी दल पहुंचा था.
75 फ़ीसदी तक टिड्डियों का हुआ सफाया
ललितपुर के उपनिदेशक कृषि संतोष सविता ने बताया कि रविवार रात 11 बजे सूचना मिली थी कि पाकिस्तानी टिड्डियों ने हमला बोल दिया है. यह टिड्डी दल डेढ़ किलोमीटर की एरिया में फसलों पर बैठा था. यह एक साथ न बैठकर अलग-अलग बैठा हुआ था. इसके बाद कृषि विभाग और भारत सरकार की टीम ने फायर ब्रिगेड और नगर निगम की टीम की मदद से इन टिड्डियों पर केमिकल का छिड़काव किया. इसमें करीब 75 फ़ीसदी यानी 70 से 80 लाख के करीब टिड्डियां इस छिड़काव में मारी गई हैं.
बिखरे हुए ग्रुप में आगे बढ़े बचे हुए टिड्डी
उन्होंने बताया कि जब केमिकल का छिड़काव किया जाता है तो यह टिड्डी दल बिखर जाता है. जो केमिकल की चपेट में आते हैं उनकी मौत हो जाती है. अब बाकी बचे टिड्डी दल को भी उनकी लोकेशन की सूचना मिलते ही नष्ट किया जाएगा.
एक दल में होते हैं एक करोड़ तक टिड्डी
गौरतलब है कि टिड्डियों के एक दल में इनकी संख्या एक करोड़ तक होती है. ये जहां भी बैठते हैं वहां सब कुछ चट कर जाते हैं.
ये भी पढ़ें:
COVID-19 : UP में कोरोना के 433 नए केस, संक्रमितों की संख्या 10536 हुई
योगी सरकार की हरी झंडी के बावजूद नहीं खुलेंगे ये प्रमुख मंदिर, जानें वजह
ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें News18 हिंदी| आज की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट, पढ़ें सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट News18 हिंदी|
Tags: Locust Squad, UP news, Up news in hindi
SKY की जगह लेने को तैयार 3 खिलाड़ी, एक तो लगा चुका है 400 छक्के, दूसरा विदेशी धरती पर ठोक चुका है दोहरा शतक
बॉलीवुड की 5 फिल्में दूर कर देंगी गलतफहमी, 20 साल आगे की थी कहानी, भूल जाएंगे हॉलीवुड, खुला रह जाएगा मुंह
एक पहाड़ी पर 77 मंदिरों वाला गांव, जहां मोक्ष पाने आते हैं हजारों लोग, कभी गए हैं क्या आप?