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Navratri 2023: इस देवी मंदिर में आल्हा ने दी थी बेटे की बलि...आज भी मौजूद है पत्थर, जानें महिमा

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Jhansi News: झांसी के सीपरी में स्थित लहर की देवी का मंदिर आस्था और चमत्कार दोनों के लिए मशहूर है. झांसी समेत पूरे बुंद ...अधिक पढ़ें

रिपोर्ट: शाश्वत सिंह, झांसी

झांसी: यूपी में झांसी के सीपरी में स्थित लहर की देवी का मंदिर आस्था और चमत्कार दोनों के लिए मशहूर है. झांसी समेत पूरे बुंदेलखंड के लोगों की इस मंदिर और यहां स्थापित देवी के प्रति सच्ची आस्था है. इस मंदिर के बारे में यह कहानी मशहूर है कि बुंदेलखंड के बड़े लड़ईया यानी आल्हा ने देवी के सामने अपने पुत्र की बलि चढ़ाई थी. इस बलि से जुड़ी एक कहानी प्रचलित है.

लहर की देवी मंदिर का निर्माण बुंदेलखंड के शक्तिशाली चंदेल राज के समय हुआ था. लोक गायक फूल सिंह परिहार ने गीत के माध्यम से बताया कि आल्हा ने लहर की देवी के समक्ष अपने बेटे इंदल की बलि चढ़ा दी थी. लहर की देवी इससे प्रसन्न हो गई थी. बलि चढ़ाने के कुछ देर बाद ही बालक दोबारा जीवित हो गया था. आल्हा ने जिस पत्थर पर अपने पुत्र की बलि दी थी, वह पत्थर आज भी मंदिर में संरक्षित है. इसके बाद से ही यह मान्यता है की लहर की देवी भक्तों के थोड़े से ही प्रयास से खुश हो जाती हैं.

एक दिन में तीन रूप दिखाती हैं देवी
लोक गायक फूल सिंह परिहार ने बताया कि यह देश का शायद अकेला ऐसा मंदिर है, जहां विराजमान देवी दिनभर में 3 स्वरूपों में दर्शन देती हैं. वह अपनी आंखों से तीनों रूप दिखाती हैं. प्रातःकाल उनके बाल स्वरूप के दर्शन होते हैं. दोपहर में युवावस्था में दर्शन देती हैं और शाम को भक्तों को वृद्धावस्था स्वरूप के दर्शन होते हैं. कालांतर में पहुंच नदी का पानी मंदिर के गर्भगृह तक पहुंचता था, इसलिए इन देवी का नाम लहर की देवी पड़ गया. नवरात्रि में बड़ी संख्या में भक्त यहां दर्शन करने के लिए आते हैं.

(NOTE: इस खबर में दी गई सभी जानकारियां और तथ्य मान्यताओं के आधार पर हैं. NEWS18 LOCAL किसी भी तथ्य की पुष्टि नहीं करता है.)

Tags: Chaitra Navratri, Jhansi news, UP news

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