प्रेसवार्ता में ओमप्रकाश राजभर.
जालौन. भारतीय सुहेलदेव समाज पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष ओमप्रकाश राजभर ने केंद्र व प्रदेश की भाजपा सरकार पर हमला बोला है. उन्होंने हाल ही एक प्रेसवार्ता में संसद में कृषि बिल रद्द किए जाने पर भाजपा को आड़े हाथों लिया है. उनका कहना है कि यदि सरकार किसानों के हित में बिल को लाती तो उन्हें इस कानून को संसद में वापिस नहीं करना पड़ता. जालौन के उरई में पत्रकारों से बात करते हुए उन्होंने कहा कि इस बिल की संसद में रद्द किए जाने से किसान आंदोलन में शहीद हुए किसान वापस नहीं आ जाएंगे. भाजपा सरकार की करनी और कथनी में अंतर है. सरकार कहती कुछ और है और करती कुछ और है.
लखीमपुर घटना में अब तक क्यों नहीं हुई गिरफ्तारी
लखीमपुर की घटना का उदाहरण देते हुए कहा कि लखीमपुर घटना के आरोपी केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्र टेनी के खिलाफ 302 का मुकदमा दर्ज है. साथ ही 120 बी के मुलजिम बनाए गए हैं लेकिन अभी तक केंद्र सरकार द्वारा उन्हें मंत्रिमंडल से बर्खास्त नहीं किया गया है, न ही उनकी गिरफ्तारी की गई. वहीं, अजय मिश्रा खुले मंच पर मोदी योगी और अमित शाह के साथ घूमते दिखाई दे रहे हैं. उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार द्वारा जो कृषि कानून लाया गया, वह सिर्फ अडानी के राजस्थान और गुजरात के गोदामों को भरने के लिए लाया गया.यूपी में भी गोदामों को बनवाने के लिए सरकार द्वारा जमीन को अधिग्रहण कर लिया था. लेकिन किसानों के आंदोलन के बाद बिल रद्द होने से उनके मंसूबों पर पानी फिर गया.
झूठ बोलने का ट्रेनिंग सेंटर है नागपुर
ओमप्रकाश राजभर ने बीजेपी सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि 2017 से अब तक 13 परीक्षाओं के पेपर लीक हो चुके हैं, लेकिन सरकार उन जिम्मेदार अधिकारी और कर्मचारियों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं कर रही है. भाजपा के लोग नागपुर में आरएसएस के खुले ट्रेनिंग सेंटर में झूठ बोलना सीख रहे हैं. इनका झूठ बोलने का ट्रेनिंग सेंटर नागपुर है, साथ ही केवल भाषणों में बुलडोजर चलाए जाने की बात की जाती है. उन अधिकारी और कर्मचारियों के ऊपर अभी तक कोई भी बुलडोजर नहीं चलाया गया है, जिन्होंने 13-13 पेपर लीक कराए हैं. सिर्फ उन लोगों को पकड़ा जाता है, जिनके पास यह पेपर मिलता है. पेपर को अधिकारी और कर्मचारियों के माध्यम से ही बाजार में भेजा जाता है पहले उनके खिलाफ कार्रवाई की जानी चाहिए.
सरकार में भ्रष्ट अधिकारियों को बढ़ावा
ओप्रकाश का कहना था कि सरकार में भ्रष्ट अधिकारियों को बढ़ावा मिल रहा है. उन्होंने गोरखपुर के डीएम का हवाला देते हुए कहा कि गोरखपुर के डीएम ने कोरोना काल में शिक्षा विभाग में रहते हुए करोड़ों का घपला किया है और ऐसे भ्रष्ट अधिकारियों को भाजपा सरकार द्वारा उच्च पदों पर बैठा दिया गया है. इटावा में भाजपा के एक कार्यकर्ता ने एसएसपी को थप्पड़ मारा और उसे जिलाध्यक्ष बनाया है इसीलिए इस सरकार में किसी को भी न्याय नहीं मिल सकता.
सपा से हुए गठबंधन पर उनका कहना था कि हमारा गठबंधन सीटों पर नहीं, बल्कि जातिगत जनगणना को लेकर हुआ है. उन्होंने कहा कि जब सरकार बनती है तो जातिगत जनगणना की जाएगी, साथ ही महंगाई भ्रष्टाचार और रोजगार के मुद्दों पर सपा से गठबंधन हुआ है और वह किसी पद की लालसा में नहीं है. यदि उन्हें पद की लालसा होती तो वह मंत्री होते हुए भी भाजपा सरकार से अपना गठबंधन नहीं तोड़ते और न ही मंत्रिमंडल से इस्तीफा देते. उन्होंने कहा कि वे देश में दूसरे ऐसे मंत्री हैं जिन्होंने सरकार में रहते हुए भी मंत्रिमंडल से इस्तीफा दिया है, इससे पहले बाबा साहब भीमराव अंबेडकर ने मंत्रिमंडल से इस्तीफा दिया था. उनको पद की कोई लालसा नहीं है न ही सीटों के बंटवारे पर अखिलेश यादव से कोई गठबंधन हुआ है. इस दौरान भारतीय रेल देब समाज पार्टी के मंडल प्रभारी कालूराम प्रजापति हरिओम प्रजापति सहित समाजवादी पार्टी के दर्जनों कार्यकर्ता मौजूद रहे.
और फिसल गई ओमप्रकाश की जुबान
कृषि बिल पर किसानों के समर्थन में बोलते समय भारतीय सुहेलदेव पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष ओमप्रकाश राजभर की जुबान फिसल गई. वह अचानक बोलने लगे कि लखीमपुर में चार चार किसानों ने एक पत्रकार की हत्या कर दी, बाद में वह सुधार करते हुए बोले कि भाजपा सरकार में पत्रकार और किसानों की हत्या हुई है, लखीमपुर में गाड़ी से किसान और पत्रकारों को कुचला गया है. इसके अलावा जो भी पत्रकार सरकार को आइना दिखाना चाहता है, उन पत्रकारों पर सरकार द्वारा मुकदमा दर्ज करा दिया जाता है.
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