बुन्देली लोक सांस्कृतिक धरोहर को संरक्षित करने की दिशा में इस बार के गणतंत्र दिवस झांसी में एक नई पहल का आगाज किया गया.मण्डलायुक्त डॉ अजय शंकर पाण्डेय द्वारा प्रत्येक राष्ट्रीय पर्व पर झांसी के विभिन्न सरकारी कार्यालयों में बुन्देली सांस्कृतिक लोक कलाओं के कार्यक्रमों का आयोजन अनिवार्य कर दिया गया है.विभिन्न सरकारी कार्यालयों में बुन्देली विधा के कार्यक्रमो का आयोजन किया गया.ध्वजारोहण व राष्ट्रीयगान के उपरान्त बुन्देली सांस्कृतिक धुनों के रंगा-रंग प्रस्तुतियां दी गईं.
लोक कलाकारों ने जीता दिल
मंडलायुक्त कार्यालय पर लोक कलाकार सीताराम कुशवाहा धारा कचहरी का लोक वादन किया गया. इसके अलावा माता प्रसाद कुशवाहा तथा उनके साथियों द्वारा वीरांगना झलकारी बाई के जीवन पर आधारित एक लघु नाटक का मंचन भी किया गया.झलकारी बाई जिन्होंने 1857 के स्वतंत्रता संग्राम में महारानी लक्ष्मीबाई के साथ कंधे से कंधा मिलाकर हिस्सा लिया था. इसके अलावा प्रसिद्ध लोक गायक मंजू लता द्वारा मनमोहक बुंदेली लोकगीत की प्रस्तुति दी गई.
बुंदेली कलाकारों को मंच देना है प्राथमिकता
मंडलायुक्त डॉ. अजय शंकर पाण्डेय ने कहा कि बुन्देलखण्ड की लोक परंपरा और लोक कला बहुत समृद्ध है. बुंदेलखंड की राई, डिमरियाई, आल्हा, मोनियाँ, लोक गायन-वादन, स्वांग नृत्य पूरी दुनिया को देखनी चाहिए.उन्होंने कहा कि कलाकारों के उत्साहवर्धन के लिए विभागीय अधिकारी निरंतर प्रयास कर रहे हैं तथा कार्यालयों में होने वाले विभिन्न राजकीय आयोजनों में इन कलाकारों को समुचित मंच प्रदान किया जा रहा है.
(रिपोर्ट – शाश्वत सिंह)
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