एक तरफ जहां वैश्विक महामारी से अपनों को बचाने के लिए लोग एड़ी चोटी का जोर लगा रहे हैं. वहीं दूसरी तरफ उत्तर प्रदेश के झांसी में एक शख्स ऐसा भी है, जिसकी खुद की दो मासूम बेटियां, पत्नी कोरोना पॉजिटिव, कैम्प कार्यालय में काम करने वाले दो कर्मचारियों के परिजनों की कोरोना से असमय मौत के बाद भी अपनों को छोड़कर पूरे जिले की जनता को बचाने के लिए रात दिन लगातार कड़ी मेहनत और कवायद कर रहे है.
झांसी के मेडकिल कॉलेज के सुपर स्पेशलिस्ट बिल्डिंग में बनाए गए एल-3 वार्ड में भर्ती मरीजों का हालचाल जानने वाला ये शख्स दरअसल कोई डॉक्टर नहीं बल्कि जिलाधिकारी आंद्रा वामसी है. झांसी जिलाधिकारी ने कोविड 19 के महाअटैक से जिले की जनता को बचाने के लिए कोरोना से संक्रमित पूरे परिवार की परवाह किए बिना दिन रात कड़ी मेहनत कर रहे है. मंगलवार देर शाम डीएम ने नगर निगम के नगर आयुक्त अवनीश राय के साथ महारानी लक्ष्मीबाई में बने कोविड वार्ड एल 3 का निरीक्षण करने के लिए पीपीई किट पहनकर चले गए.
अस्पताल के एल-3 कोविड वॉर्ड में जाकर डीएम ने भर्ती मरीजों से इलाज व्यवस्था से लेकर खानपान की व्यवस्था के बारे में जानकारी ली. इस दौरान डीएम आंद्रा वामसी ने कोविड वॉर्ड के एल-3 में साफ सफाई व्यवस्था का बारीकी से जायजा लिया. वहीं डीएम ने मेडिकल कॉलेज झांसी में कोविड वार्ड में भर्ती मरीजों के परिजनों से मेडिकल स्टॉफ से मारपीट नहीं करने की अपील की. साथ ही डीएम ने जानकारी देते हुए बताया कि जिला अस्पताल से 8 डॉक्टरों को एल 3 में सम्बद्ध किया गया है. मेडिकल कॉलेज में जिला प्रशासन ने गंभीर मरीजों के बेहतर इलाज के लिए 15 वेंटिलेटर की भी व्यवस्था के साथ तमाम अन्य संसाधन उपलब्ध कराए गए है.
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FIRST PUBLISHED : April 28, 2021, 06:52 IST