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रिपोर्ट- शाश्वत सिंह
झांसी. हमारे देश में परीक्षाएं सबसे महत्वपूर्ण होती हैं. परीक्षा में पास होने के लिए हर व्यक्ति भरपूर कोशिश करता है. मगर इसी मुल्क में एक परीक्षा ऐसी भी है, इसमें पास नहीं फेल होने के लिए लोग जुगाड़ लगाते हैं. यह कोर्स है रेलवे का लोको पायलट का रिफ्रेशर कोर्स और उसके बाद होने वाली परीक्षा. लाइन ड्यूटी से बचने के लिए लोको पायलट यह सब करते हैं. यह मामला तब खुला जब रेलवे द्वारा लोको पायलट की ड्यूटी की हिसाब किताब की पड़ताल की गई.
झांसी रेल मंडल में 2 हजार से अधिक लोको पायलट हैं. इन सभी लोको पायलेट्स का समय समय पर रिफ्रेशर कोर्स करवाया जाता है और उसके बाद उनकी परीक्षा होती है. अगर लोको पायलट परीक्षा में पास हो जाता है तो उसकी ट्रेन पर लग जाती है. अगर फेल होता है तो स्टेशन पर ही शंटिंग या किसी और काम में लगा दिया जाता है. ट्रेन की ड्यूटी से बचने के लिए ही लोको पायलट इस परीक्षा में फेल होने की पूरी कोशिश करते हैं. रेलवे की जांच में 13 लोको पायलट और सहायक लोको पायलट ऐसे पाए गए हैं जो आज तक एक बार भी लाइन पर नहीं चढ़े. अन्य लोगों की भी जांच चल रही है और आशंका है कि यह संख्या बढ़ सकती है.
नियम तोड़ने वालों पर होगी कार्रवाई- PRO
नाम ना छापने के शर्त पर एक रेलवे कर्मचारी ने बताया कि जिन लोको पायलट की ड्यूटी लाइन पर लग जाती है, उन्हें लंबे समय तक घर से दूर रहना पड़ता है. घर से दूर ना जाना पड़े. इसलिए लोको पायलट द्वारा इस तरह के सभी जुगाड़ किए जाते हैं. लंबे समय से यह खेल चल रहा है. झांसी रेल मंडल के जनसंपर्क अधिकारी मनोज कुमार सिंह ने कहा कि बेहतर रेल संचालन के लिए समय-समय पर विभिन्न परीक्षाओं और कोर्सेज का आयोजन किया जाता है. लोको पायलट के लिए भी यही नियम है. प्रारंभिक जांच जारी है और अगर कोई भी नियम ले खिलाफ कार्रवाई करता है तो उन पर उचित कार्यवाही की जायेगी.
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