मुख्यमंत्री, अफसर चाहे जितना भी दावा कर लें लेकिन सूबे की स्वास्थ्य व्यवस्था सुधरने का नाम नहीं ले रही है. ताजा मामला ललितपुर जिले के जखौरा ब्लॉक का है.
मुख्यमंत्री, अफसर चाहे जितना भी दावा कर लें लेकिन सूबे की स्वास्थ्य व्यवस्था सुधरने का नाम नहीं ले रही है. ताजा मामला ललितपुर जिले के जखौरा ब्लॉक का है. यहां सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में एक चपरासी मरीजों का इलाज कर रहा है. चाहे वह मरीज को इंजेक्शन लगाना हो, उसे ड्रिप चढ़ानी हो या मरहम पट्टी का काम, सब इस चपरासी के जिम्मे है. उधर अस्पताल के प्रभारी निरीक्षक कहते हैं कि उन्हें इसकी कोई जानकारी ही नहीं है. कहते हैं जांच कराएंगे.
मरीजों का इलाज करने वाले अस्पताल के चपरासी सीताराम का कहना है कि अस्पताल में स्टाफ की कमी है. इसलिए उन्हें मरीजों को देखना पड़ता है. चपरासी की मानें तो डॉक्टर उन्हें कहते हैं कि सफाई के अलावा भी और काम सीखने चाहिए. मरीजों को देखकर डॉक्टर ही उन्हें इंजेक्शन देने का आदेश देते हैं.
वहीं इस बाबत प्रभारी अधीक्षक डॉ. मुकेश का कहना है कि उन्हें इस संबंध में कोई भी जानकारी पहले से नहीं थी. उन्होंने मामले में जांच कर दोषी पाए जाने वाले डॉक्टर और चपरासी पर कार्रवाई करने की बात कही है.
जखौरा ब्लॉक के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में तैनात डॉ. प्रदीप ने मामले को बड़े ही हलके में लेते हुए कहा कि केंद्र में बस एक ही वार्ड बॉय है. उन्होंने मामले में कार्रवाई का आश्वासन दिया है. साथ ही संबंधित मामले में मुख्य चिकित्सा अधिकारी को भी सूचित किया जाएगा.
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