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Jhansi News: झांसी में शिक्षा का अलख जगा रही 'वर्दी वाली दीदी', बदली गरीब बच्चों की लाइफस्टाइल

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बच्चों को पढ़ाती दीपशिखा चौहान 

Jhansi News: एक बच्ची सोनाक्षी ने कहा की वह पिछले 2 महीने से यहां पढ़ रही है. वह हिंदी तथा अंग्रेजी दोनों भाषाओं में प ...अधिक पढ़ें

रिपोर्ट- शाश्वत सिंह

झांसीः पुलिस की छवि आमतौर पर काफी सख्त रहती है. लोग पुलिस का नाम सुनकर ही डरने लगते हैं. लेकिन, उत्तर प्रदेश की झांसी पुलिस इस छवि को बदलने की कोशिश कर रही है. झांसी पुलिस के कुछ सिपाही मानवीय कार्यों से लोगों के बीच पहुंच रहे हैं और उनके जीवन को बेहतर करने की कोशिश कर रहे हैं. झांसी के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक के दफ्तर में तैनात एक महिला सिपाही दीपशिखा चौहान अपने साथियों के साथ मिलकर पिछले कुछ महीनों से एक ऐसा काम कर रही हैं जो काबिले तारीफ है.

दीपशिखा अपने साथियों रोहित और रजनी के साथ मिलकर झांसी की झुग्गियों में रहने वाले बच्चों को मुफ्त में शिक्षा देने का काम कर रही हैं. अपनी ड्यूटी खत्म करने के बाद यह लोग रोज यहां पहुंचते हैं और बच्चों को पढ़ाते हैं और साथ ही हाइजीन के बारे में भी उन्हें जानकारी देते हैं. लगभग 3 महीनों से चल रहे इस काम के बारे में दीपशिखा उनके साथ ही कोई प्रचार-प्रसार नहीं करना चाहते. न्यूज 18 लोकल की टीम ने जब उन्हें पढ़ाते देखा तो उनसे बात करने पहुंचे.

शुरुआत में नहीं आते थे बच्चे
दीपशिखा ने बताया कि नौकरी ज्वाइन करने से पहले वह दिल्ली में इस प्रकार का काम किया करती थी. झांसी आने के बाद भी उन्होंने बच्चों को पढ़ाने का फैसला लिया. अपने साथी रोहित के साथ मिलकर उन्होंने कुछ झुग्गियों को चयनित किया जहां वह बच्चों को पढ़ाने जायेंगी. दीपशिखा कहती हो कि शुरुआत में बच्चे आते नहीं थे. उन्हें बुलाने और बिठाने के लिए काफी मेहनत करनी पड़ी. लेकिन, अब लगभग 150 बच्चे उनसे शिक्षा प्राप्त कर रहे हैं.

वरिष्ठ अधिकारियों का मिला पूरा सहयोग
दीपशिखा ने कहा कि इस काम में उनके वरिष्ठ अधिकारियों ने भी पूरा सहयोग दिया है. वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक, डीआईजी और एडीजी द्वारा उन्हें सम्मानित किया गया. अधिकारियों ने बच्चों के लिए पुस्तकें खरीदने के लिए आर्थिक सहयोग भी दिया. रोहित कुमार ने बताया कि उनका यह मिशन आगे भी जारी रहेगा. उनकी यह कोशिश है की जहां कहीं उनकी तैनाती की जाए वहां वह ऐसा काम शुरू करें. दीपशिखा ने कहा कि उनका उद्देश्य है कि हर हाथ में कलम जरूर होनी चाहिए.

बच्चे भी बनना चाहते हैं पुलिसकर्मी
यहां पढ़ाई कर रहे एक बच्चे विक्रम ने कहा कि उसे अच्छा लगता है जब वर्दी वाली टीचर दीदी पढ़ाने आती हैं. बड़ा होकर वह खुद भी पुलिस में भर्ती होना चाहता है. एक बच्ची सोनाक्षी ने कहा की वह पिछले 2 महीने से यहां पढ़ रही है. वह हिंदी तथा अंग्रेजी दोनों भाषाओं में पढ़ लिख लेती है. इसके साथ ही बच्चों के माता-पिता भी खुश हैं कि उनके बच्चों को अच्छी शिक्षा मिल रही है.

Tags: CM Yogi, Jhansi news, Jhansi Police, UP Basic Education Department, UP news, UP police, Yogi government

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