रिपोर्टर: अंजली शर्मा
कन्नौज. कन्नौज अपनी पौराणिक ऐतिहासिक धरोहरों के लिए मशहूर है. मुख्यालय से करीब 5 किलोमीटर दूर मां गंगा और काली नदी के तट पर स्थित चिंतामणि मंदिर में भगवान श्री राम विराजमान हैं. मान्यता है कि इस जगह पर भगवान श्री राम ने अपने कदम रखे थे, कालांतर में रामभक्तों ने इसे मंदिर का रूप दे दिया था. मंदिर में आने वाले भक्तों की मुरादे सदैव पूरी होती हैं.
जनश्रुति और मान्यताओं के अनुसार, भगवान श्री राम ने लंका पर विजय हासिल कर महापंडित रावण का वध किया था. जिसके बाद ब्रह्म हत्या के दोष को दूर करने के लिए वह गुरु विश्वामित्र के पास गए. इस पर उन्होंने कुशानगरी (कन्नौज का प्राचीन नाम) के उत्तर में जंगल में तपस्या कर रहे मुनि चिंतामणि के पास जाने को कहा. भगवान श्री राम अपने पुष्पक विमान से माता सीता, लक्ष्मण के साथ कन्नौज आए. विश्वामित्र और हनुमान भी उनके साथ थे. यहां चिंतामणि घाट पर उन्होंने ब्राह्मणों को भोज कराया. माता सीता ने अपने हाथों से भोजन बनाया था. इस स्थान को सीता रसोई के नाम से आज भी जाना जाता है. यहां पर माता सीता के भी चरण बने हुए हैं. इसके अलावा यज्ञशाला भी है, जहां प्रभु राम ने यज्ञ किया था। बता दें कि मुनि चिंतामणि विश्वामित्र के पिता राजा गाधि (कन्नौज के राजा) के कुलगुरु थे. लोगों का कहना यह भी है कि श्रीमद् भागवत में इसका उल्लेख मिलता है. लोग मानते है कि कल्याण के लिए भगवान श्री राम ने अपनी चरण पादुका यहां छोड़ी थी.
कदंब के पेड़ पर छाल उतने पर दिखाई देता है राम नाम
मंदिर परिसर में करीब दस जगह भगवान के चरण चिन्ह हैं, जो शिलाओं पर आज भी विद्यमान हैं. दीपावली और हर रविवार को भक्त भगवान की चरण पादुकाओं का पूजन करते हैं और यहां की चरण रज को माथे से लगाते हैं. लोग ये भी बताते हैं कि घाट पर हजारों साल पुराना कदंब का पेड़ खड़ा है. पेड़ की छाल निकालने पर तने पर राम नाम की आकृति उकर आती है. प्रत्येक रविवार को लोग यहां पूजा करने आते हैं. मान्यता है कि यहां हर मनोकामना पूर्ण होती है.
हर मनोकामना होती है पूरी
कन्नौज जिले व आसपास के कई जिलों से लोग यहां पर दर्शन करने के लिए आते हैं. लोगों ने बताया कि दीपावली और रामनवमी सहित प्रत्येक रविवार को मंदिर में श्रद्धालुओं की भारी भीड़ देखी जाती है. जो भी श्रद्धालु सच्चे मन से यहां पर आता है उसकी हर मनोकामना पूरी होती है. मनोकामना पूरी होने के बाद वह मंदिर परिसर में एक छोटा सा घंटा चढ़ा देता है. वहीं श्रद्धालु सच्चे मन से कदंब के पेड़ में छाल को उतारते हैं और अगर वहां पर राम नाम लिख जाता है. तो उस श्रद्धालु की हर मनोकामना भगवान श्रीराम की कृपा से जरूर पूरी होती है.
.
Tags: Kannauj news, Latest hindi news, UP news
सबकी बैंड बजाने आ गया ये धांसू फोन! 50MP कैमरा और 16GB रैम के लिए बस देने होंगे 8,799 रु, धूप में रंग भी बदलता है
The kerala story को फेक बताने वाले Tovino Thomas ने रचा इतिहास, 15 करोड़ की 2018 ने कमाए 200 करोड़, OTT पर है
वेजिटेरियन हैं? प्रोटीन के लिए डाइट में शामिल करें 6 चीजें, नॉनवेज जितने ही मिलेंगे फायदे