कानपुर CAA विरोध मामले में 22वीं FIR, 13 महिलाएं नामजद, रडार पर 3 बड़े कारोबारी

कानपुर में सीएए के खिलाफ प्रदर्शन मामले में 22वीं एफआईआर दर्ज की गई है
कानपुर (Kanpur) के पुलिस कप्तान का कहना है कि इस मामले पर जांच जारी है. कई और लोगों की तहकीकात की जा रही है और भी एफआईआर दर्ज हो सकती है. साथ ही धरने मे फंडिंग की बात भी सामने आ रही है, जिसके लिये जांच जारी है.
- News18 Uttarakhand
- Last Updated: March 5, 2020, 1:16 PM IST
कानपुर. उत्तर प्रदेश के कानपुर (Kanpur) में सीएए और एनआरसी विरोध को लेकर चल रहे प्रदर्शन मामले में पुलिस ने 22वीं एफआईआर (FIR) दर्ज की है. इसमें 13 महिलाओं को भी नामजद किया गया है. वहीं इस धरने की फंडिंग को लेकर पुलिस ने जांच तेज कर दी है. कानपुर के पुलिस कप्तान के अनुसार 3 कारोबारी फंडिंग को लेकर रडार पर हैं. उनके खिलाफ सबूत मिलते ही कार्रवाई होगी.
बता दें उत्तर प्रदेश में कानपुर के चमनगंज के मोहम्मद अली पार्क में 7 जनवरी को सीएए व एनआरसी के विरोध में महिलाओं ने धरना शुरू किया और 8 फरवरी को पुलिस ने बलपूर्वक उसे आधी रात हटा दिया था लेकिन इसके विरोध वहां हजारों की तादाद मे महिलाएं चमनगंज की सडक पर धरने पर बैठ गई थीं. लेकिन दूसरे ही दिन देर रात महिलाओं ने सड़क को खाली कर पार्क मे फिर से धऱने को शुरू किया. उस समय पुलिस ने मौके की नजाकत को देखते इजाजत दे दी थी. लेकिन अब इस मामले पर पुलिस ने कड़ा रूख अपनाया है.
राजनैतिक लोगों पर भी मुकदमा दर्ज किया गया
मामले में चमनगंज थाने में लोगों को नामजद किया गया है, जिनमें से 13 मुस्लिम महिलाएं भी हैं. इन पर धारा-144 का उल्लंघन, धरने में बच्चों को शामिल करने, भड़काऊ भाषण देने व धरने को प्रायोजित करने समेत सरकारी काम में बाधा की धाराओं पर रिपोर्ट दर्ज की गई है. वहीं इस पूरे मामले पर राजनैतिक लोगों पर भी मुकदमा दर्ज किया गया है. हाजी वसीक जो पूर्व में बसपा से विधानसभा प्रत्याशी रह चुके हैं, उनके पूरे परिवार पर मुकदमा दर्ज किया गया है. साथ ही इंडियन नेशनल लीग के राष्ट्रीय अध्यक्ष मोहम्मद सुलेमान और आम आदमी पार्टी के कई नेताओं के साथ कांग्रेस के नेताओं पर नामजद मुकदमा दर्ज किया गया है.वहीं वसीक ने मीडिया से बात करते हुये पुलिस पर ज्यादती का इल्जाम लगाया है. उनका कहना है कि उनकी बेटी जो कि दिल्ली मे पढ़ती है, वो पिछले 2 महीनों से कानपुर नहीं आई. उसका भी नाम मुकदमे में शामिल किया गया है.
पुलिस के रडार पर 3 बड़े कारोबारी
वहीं कानपुर पुलिस कप्तान का कहना है कि इस मामले पर जांच जारी है. कई और लोगों की तहकीकात की जा रही है और भी एफआईआर दर्ज हो सकती है. साथ ही धरने मे फंडिंग की बात भी सामने आ रही है, जिसके लिये जांच जारी है. इस संबंध में चमनगंज के 3 बड़े कारोबारी रडार पर हैं. उनके फंडिंग में शामिल होने के सबूत मिलने पर कानूनी कार्रवाई की जाएगी.
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बता दें उत्तर प्रदेश में कानपुर के चमनगंज के मोहम्मद अली पार्क में 7 जनवरी को सीएए व एनआरसी के विरोध में महिलाओं ने धरना शुरू किया और 8 फरवरी को पुलिस ने बलपूर्वक उसे आधी रात हटा दिया था लेकिन इसके विरोध वहां हजारों की तादाद मे महिलाएं चमनगंज की सडक पर धरने पर बैठ गई थीं. लेकिन दूसरे ही दिन देर रात महिलाओं ने सड़क को खाली कर पार्क मे फिर से धऱने को शुरू किया. उस समय पुलिस ने मौके की नजाकत को देखते इजाजत दे दी थी. लेकिन अब इस मामले पर पुलिस ने कड़ा रूख अपनाया है.
राजनैतिक लोगों पर भी मुकदमा दर्ज किया गया
मामले में चमनगंज थाने में लोगों को नामजद किया गया है, जिनमें से 13 मुस्लिम महिलाएं भी हैं. इन पर धारा-144 का उल्लंघन, धरने में बच्चों को शामिल करने, भड़काऊ भाषण देने व धरने को प्रायोजित करने समेत सरकारी काम में बाधा की धाराओं पर रिपोर्ट दर्ज की गई है. वहीं इस पूरे मामले पर राजनैतिक लोगों पर भी मुकदमा दर्ज किया गया है. हाजी वसीक जो पूर्व में बसपा से विधानसभा प्रत्याशी रह चुके हैं, उनके पूरे परिवार पर मुकदमा दर्ज किया गया है. साथ ही इंडियन नेशनल लीग के राष्ट्रीय अध्यक्ष मोहम्मद सुलेमान और आम आदमी पार्टी के कई नेताओं के साथ कांग्रेस के नेताओं पर नामजद मुकदमा दर्ज किया गया है.वहीं वसीक ने मीडिया से बात करते हुये पुलिस पर ज्यादती का इल्जाम लगाया है. उनका कहना है कि उनकी बेटी जो कि दिल्ली मे पढ़ती है, वो पिछले 2 महीनों से कानपुर नहीं आई. उसका भी नाम मुकदमे में शामिल किया गया है.
पुलिस के रडार पर 3 बड़े कारोबारी
वहीं कानपुर पुलिस कप्तान का कहना है कि इस मामले पर जांच जारी है. कई और लोगों की तहकीकात की जा रही है और भी एफआईआर दर्ज हो सकती है. साथ ही धरने मे फंडिंग की बात भी सामने आ रही है, जिसके लिये जांच जारी है. इस संबंध में चमनगंज के 3 बड़े कारोबारी रडार पर हैं. उनके फंडिंग में शामिल होने के सबूत मिलने पर कानूनी कार्रवाई की जाएगी.
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