कानपुर के चकेरी थाना क्षेत्र जाजमऊ इलाके में सिद्धनाथ घाट पर भगवान गणेश की मूर्ति विसर्जन करने गए एक दर्जन लोग नाव पलटने से गंगा नदी में डूब गए. अचानक हुए इस हादसे से मौके पर कोहराम मच गया. इस हादसे की सूचना मिलते ही डीएम, एसएसपी और एडीएम सिटी भी मौके पर पहुंचे. डूबे लोगो की खोज में गोताखोरों की मदद ली जा रही है.
मिली जानकारी के मुताबिक एक नाव में सवार करीब बारह लोग गंगा नदी में भगवान गणेश की मूर्ति विसर्जन करने जा रहे थे. घाट किनारे मौजूद लोगो के मुताबिक़ अभी नाव कुछ दूरी पर गयी ही थी, कि अचानक संतुलन बिगड़ गया और नाव पलट गयी. उस नाव में चार बच्चे और करीब आठ युवक सवार थे.
नाव पलटने और डूबते लोगों की चीख पुकार सुनते ही घाट पर मौजूद राकेश कुमार सैनी, राजा तिवारी, लड्डू तिवारी ने बिना देर किये गंगा नदी में छलांग लगा कर डूब रहे लोगो में से तीन लोगों को बचा कर किनारे लेकर आए, मगर बाकी लोगों का पता नहीं चला. तीनो पीड़ितों को तत्काल पास के नर्सिंग होम इलाज के लिए भेजा गया है.
जानकारी के मुताबिक़ कानपुर के लालबंगला के शिवकटरा इलाके के निवासी राजेश अग्रवाल अपने घर पर ही गणेश जी मूर्ति स्थापित किये थे. गुरूवार को वो अपने पूरे परिवार के साथ गणेश जी की मूर्ति विसर्जन के लिए जाजमऊ सिद्धनाथ घाट पहुंचे थे. उनके साथ उनके मोहल्ले के और भी लोग विसर्जन में पहुंचे थे. लोगो के मुताबिक़ रमेश अग्रवाल की हटिया में लोहे के बर्तन की दूकान है. गंगा में डूबने वालो में राजेश अग्रवाल, संतोष, गुड्डू, अंशु, यस, डिम्पी, मोनू और संजय हैं. इनमे चार बच्चे और चार पुरुष शामिल है.
सुप्रीम कोर्ट के रोक के बाद भी ये लोग गंगा नदी में मूर्ति विसर्जन करने कैसे पहुंचे. वहां सुरक्षा व्यवस्था के नाम पर पुलिस क्यों नहीं लगाई गयी थी अभी इसपर अधिकारी कुछ बोलने को तैयार नहीं हैं.
ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें News18 हिंदी | आज की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट, पढ़ें सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट News18 हिंदी |
FIRST PUBLISHED : September 25, 2015, 14:08 IST