कानपुर. 3 जून को कानपुर में हुई हिंसा के लिए क्राउड फंडिंग के आरोप में गिरफ्तार मुख्तार बाबा पर पुलिस प्रशासन का शिकंजा लगातार कसता जा रहा है. सोमवार को जिलाधिकारी के आदेश पर मामा बिरयानी के सभी प्रतिष्ठानों पर छापेमारी करते हुए उन्हें सील कर दिया गया. इससे पहले बाबा बिरयानी की दुकानों पर सैंपलिंग की कार्रवाई की गई थी. सैंपल फेल होने के बाद सोमवार को स्वरूप नगर, जूही, नवीन मार्केट, जाजमऊ समेत सभी दुकानों पर एफडीए का हंटर चला और कई दुकानों को सील कर दिया गया. जो दुकानें बची हैं उन पर भी सैंपलिंग की कार्रवाई की जा रही है. दरअसल बाबा बिरियानी ने अलग-अलग नामों से पूरे शहर भर में दुकानें खोल रखी हैं जिन पर अब कार्रवाई की जा रही है.
गौरतलब है कि बाबा बिरयानी के मालिक मुख़्तार बाबा पर कानपुर हिंसा के लिए क्राउड फंडिंग का आरोप है. उस पर यह भी आरोप है कि उसकी दूकान पर ही हिंसा की पूरी पटकथा लिखी गई थी. इसके लिए पत्थरबाजों को 500 से लेकर 1000 रुपये दिए गए थे. जिसके बाद पुलिस ने मुख्तार बाबा को गिरफ्तार कर लिया था.
CAA हिंसा में क्लीन चिट देने वाले अफसरों पर भी गिरेगी गाज
2019-2020 में नागरिकता संशोधन कानून के दौरान हुई हिंसा में भी मुख़्तार बाबा पर उपद्रवियों की फंडिंग करने का आरोप लगा था. लेकिन बाद में पुलिस अफसरों ने उसे क्लीन चिट दे दी गई थी. अब मुख्तार बाबा के खिलाफ दर्ज मामलों में उन्हें क्लीन चिट देने वाले प्रशासनिक अफसरों पर भी पुलिस की नज़र अब टेढ़ी हुई है. माना जा रहा है कि उन अधिकारियों पर जल्द गाज गिर सकती है. अब इस पूरे मामले में उस दौरान जांच करने वाले संबंधित अधिकारियों की फाइल खोली जा रही है. पुलिस कमिश्नर विजय सिंह मीणा ने इस मामले में जांच के आदेश दिए है. खबर है कि पुलिस विभाग समेत प्रशासनिक अधिकारियों को रडार पर रखते हुए इनके खिलाफ कार्रवाई की तैयारी की गई है.
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