कानपुर में शस्त्र लाइसेंस में बड़ा फर्जीवाड़ा पकड़ा गया है, जिसमें एक लिपिक बर्खास्त कर दिया गया है. (सांकेतिक तस्वीर)
कानपुर. उत्तर प्रदेश के कानपुर (Kanpur) में असलहा लाइसेंस (Arms License) के फर्जीवाड़े में जिलाधिकारी आलोक तिवारी (DM Alok Tiwari) ने अपर नगर मजिस्ट्रेट के यहां तैनात सहायक लिपिक कार्तिकेय यादव को बर्खास्त कर दिया है. लिपिक पर कोरिया गांव निवासी एक व्यक्ति के लाइसेंस की बुकलेट पर कटारा गांव निवासी महिला के नाम रिवाल्वर दर्ज करने का आरोप है. सिटी मजिस्ट्रेट की जांच में लिपिक को दोषी पाया गया. जिसके बाद से कार्यालय में हड़कंप मच गया. अब उसके विरुद्ध धोखाधड़ी के आरोप में मुकदमा दर्ज कराया जा सकता है.
जिलाधिकारी के आदेश की कार्रवाई की संस्तुति एडीएम सिटी अतुल कुमार ने की थी. दरअसल बिधनू थाना के कोरिया गांव निवासी बाबू नासिर के नाम दो नाली बंदूक का लाइसेंस है. उनके लाइसेंस नंबर पर ही कटारा गांव निवासी संध्या सिंह के नाम रिवाल्वर का लाइसेंस दर्ज हो गया था. इस पर 30 सितंबर, 2020 दर्ज है. कार्तिकेय उस समय कलेक्ट्रेट से लाइसेंस विभाग में तैनात था. कार्तिकेय पर यह आरोप है कि उसने संध्या सिंह के साथ मिलकर यह फर्जीवाड़ा किया और इस फाइल को दबा दिया गया.
काफी समय तक जब फाइल नहीं मिली तो कलेक्ट्रेट विभाग के लिपिक ने इस मामले की शिकायत तत्कालीन शस्त्र अनुभाग के प्रभारी सिटी मजिस्ट्रेट रवि श्रीवास्तव से की. उसके बाद से फिर जांच का दौर चला. उन्होंने पड़ताल की तो कई चौंकाने वाली चीजें सामने आईं. कार्तिकेय का नाम भी पता चला. उनकी रिपोर्ट के आधार पर जवाब मांगा गया और फिर बर्खास्त कर दिया गया.
जिलाधिकारी आलोक तिवारी ने बताया दुनाली बंदूक के लाइसेंस की बुक पर दर्ज था, रिवाल्वर का लाइसेंस सिटी मजिस्ट्रेट की जांच में खुलासा हुआ. बाद में एडीएम के बर्खास्तगी की कार्रवाई की संस्तुति के बाद लिपिक को बर्खास्त कर दिया गया.
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