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115 साल पहले भी कानपुर में मौजूद थी मेट्रो जैसी नगरीय परिवहन सेवा

कानपुर की नई सड़क से गुजरती ट्राम

कानपुर की नई सड़क से गुजरती ट्राम

कानपुर में मंगलवार से मेट्रो सेवा की शुरुआत हो गई है. इसकी शुरुआत होने के बाद से लोग सफ़र आसान होने की बात कह रहे हैं.इ ...अधिक पढ़ें

    कानपुर में मंगलवार से मेट्रो सेवा की शुरुआत हो गई है. इसकी शुरुआत होने के बाद से लोग सफ़र आसान होने की बात कह रहे हैं.इसके साथ ही यह भी क़यास लगाए जा रहे हैं कि सुदृढ़ नगरीय परिवहन सेवा शुरू होने से शहर को फिर से पूरब के मैनचेस्टर का दर्जा वापस मिल सकता था.हालांकि शहर में 115 साल पहले भी मेट्रो जैसी नगरीय परिवहन सेवा मौजूद थी.1907 से 1933 तक शहर के एक बड़े हिस्से में ट्राम चलती थी.उस दौर में यह सेवा दिल्ली के पहले कानपुर में आ गई थी.

    ईआईआर रेलवे स्टेशन से सरसैयाघाट तक थी सुविधा
    कानपुर के पुराने रेलवे स्टेशन (ईस्ट इंडिया रेलवे स्टेशन) से सरसैया घाट तक डबल ट्रैक पर ट्राम चलती थी. इतिहासकार अनूप शुक्ला ने बताया कि शहर में ट्राम का रूट ईस्ट इंडिया रेलेवे स्टेशन से शुरू होकर घंटाघर, हालसी रोड, बादशाही नाका, नई सड़क, हॉस्पिटल रोड, कोतवाली, बड़ा चौराहा और सरसैया घाट पर खत्म होता था. नई सड़क के आगे बीपी श्रीवास्तव मार्केट (मुर्गा मार्केट) में ट्राम के रखरखाव के लिए यार्ड बना था.

    नई सड़क पर दोनों तरफ़ हुआ करता था ट्रैक
    नई सड़क पर ट्रैक रोड के दोनों तरफ बिछा हुआ था.यह सेवा जून-1907 से शुरू होकर 16 मई, 1933 तक चली थी.यह दूरी करीब चार मील थी.इसके डिब्बों की कुछ विशेषताएं सिंगल डेक और खुली छत थी.ट्राम के गंगा किनारे टर्मिनेट होने की बड़ी वजह लोगों की नदी के प्रति अगाध श्रद्धा थी.कानपुर कल आज और कल किताब में नई सड़क से गुजरती ट्राम का इकलौता चित्र मौजूद है.

    शहर में बिजली लाने वाली कंपनी ने ही शुरू की थी ट्राम सेवा
    एसपी मेहरा की किताब कानपुर सिविक प्राबलम्स के मुताबिक़ इंडियन इलेक्ट्रिक सप्लाई एंड ट्रैक्शन कंपनी की ओर से 1906 में क्रिसमस के दिन बिजली की सप्लाई शुरू की गई थी. जबकि इसके क़रीब पांच महीने बाद शहर में ट्राम सेवा की भी शुरूआत हो गई थी. जो क़रीब 26 सालों तक कनपुरियों का सफ़र आसान कराती रही.

    मुंबई-दिल्ली से था मुकाबला

    अनूप शुक्ला बताते हैं कि ब्रिटिश काल में शहर के महत्व का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि सन 1900 में कोलकाता में ट्राम आने के सात साल बाद ही 1907 में कानपुर और मुंबई में ट्राम चलाई गई.जबकि दिल्ली में ट्राम 1908 में आई. ये सभी ट्राम बिजली से चलती थीं.

    (रिपोर्ट आलोक तिवारी)

    Tags: Kanpur news

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