रिपोर्ट- अखंड प्रताप सिंह, कानपुर
कानपुर. यूपी के कानपुर महानगर में एक शव यात्रा बेहद चर्चा का विषय बनी हुई है. यह शव यात्रा एक बंदर की है. जी हां, मामला कानपुर के बरनाव गांव का है. जहां ग्रामीणों ने इंसानियत की एक अनोखी मिसाल पेश की है. यह बंदर ग्रामीणों को एक खेत में घायल अवस्था मे पड़ा मिला था. पहले ग्रामीणों ने इसका इलाज करवाया, लेकिन बंदर की जान नहीं बच सकी. जिसके बाद गांववालों ने पूरी विधि विधान से बंदर का अंतिम संस्कार किया.
कानपुर के घाटमपुर तहसील के बरनाव गांव में एक बेहद अनूठा मामला सामने आया है. जहां ग्रामीणों को खेत में एक बंदर घायल अवस्था में मिला था. जिसे ग्रामीण गांव में ले आए और उसका इलाज कराया, लेकिन गुरुवार को सुबह उस बंदर की मौत हो गई. जिसके बाद सभी ग्रामीण इकट्ठा हुए और बंदर का अंतिम संस्कार करने का फैसला लिया गया. जिसके बाद ढोल नगाड़ों के साथ बंदर को अंतिम विदाई दी गई. इसके साथ बंदर की शव यात्रा पूरे गांव में निकाली गई. जिसके बाद उसे दफन कर दिया गया.
हिंदू रीति-रिवाज के साथ अंतिम विदाई
गांव के रहने वाले राहुल ने बताया कि बीते 2 दिनों से बंदर का उपचार चल रहा था. वह ठीक हो रहा था जिस वजह से उसकी उपचार भी बंद कर दिया गया था. लेकिन अचानक बंदर की गुरुवार को तबीयत बिगड़ गई जिसके बाद उसकी मौत हो गई. ग्रामीणों ने मानवता की मिसाल पेश करते हुए हिंदू रीति-रिवाज के साथ अर्थी बनाकर बंदर को अंतिम विदाई दी. ढोल बाजे के साथ पूरे गांव में बंदर की अर्थी निकाली गई यह शव यात्रा आस-पास के गांव समेत क्षेत्र में चर्चा का विषय बनी हुई है.
हर वर्ग को लोगों ने दिया कंधा
इस शव यात्रा को गांव के बुजुर्ग गांव के युवा और बच्चों सब ने कंधा दिया और बंदर पर पुष्प अर्पित किये. शव यात्रा में लगभग 2 दर्जन से अधिक ग्रामीण मौजूद रहे.
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