पीयूष जैन के घर मिले कैश की फोटो
कानपुर: उत्तर प्रदेश के कानपुर (Kanpur News) में इत्र कारोबारी पीयूष जैन (Piyush Jain News) के घर मिले खजाने ने सबको चौंका दिया है. कानपुर के आनंदपुरी में पीयूष जैन के घर पड़े छापे में 180 करोड़ रुपये मिले. इन पैसों को गिनने में 36 घंटे से ज्यादा समय लगा और इस काम को 27 अधिकारियों ने अंजाम दिया. इतनी बड़ी मात्रा में कैश को गिनने के लिए 19 नोट गिनने वाली मशनें भी मंगवाई गईं. हालात ये थे कि पीयूष के घर अधिकारियों ने जहां भी नजर डाली वहीं से रुपये के बंडल निकलने लगे. अब लोगों के बीच चर्चा है कि ये पीयूष जैन है कौन और इतनी बड़ी मात्रा में नकद इसके पास आए कहां से. ये क्या व्यापार करता है, ऐसे ही कई सवाल हैं जो सभी जानना चाहते हैं.
कौन हैं पीयूष जैन
दरअसल, पीयूष जैन कन्नौज और कानपुर का एक बड़ा इत्र व्यापारी है. पीयूष का जन्म कन्नौज में हुआ है और वहां पर भी इसका एक घर है. जैन 40 से ज्यादा कंपनियों का मालिक है और चौंकाने वाली बात ये है कि इसकी दो कंपनियां मिडिल ईस्ट में भी मौजूद हैं. कन्नौज में जैन की इत्र फैक्ट्री के साथ ही कोल्ड स्टोरेज और पेट्रोल पंप भी मौजूद हैं. पीयूष ने अपनी कंपनियों का हैडऑफिस मुंबई में बना रखा है और यहीं से इसकी कंपनी का इत्र विदेशों में एक्सपोर्ट होता है. जानकारी के अनुसार मुंबई में भी पीयूष का एक आलीशान आशियाना है.
बिस्तर में भरे थे नोट
जैन के घर आयकर विभाग और डीजीजीआई की टीम ने छापेमारी की और ये कार्रवाई करीब 36 घंटों तक चली. इस दौरान अधिकारियों को करीब 180 करोड़ रुपये नकद मिले. हालात ये थे कि दीवारों, अलमारियों के साथ ही नोटों की गड्डियां बिस्तरों में भी भरी हुई थीं. इतने रुपयों को ले जाने के लिए अधिकारियों को भी अच्छी खासी मेहनत करनी पड़ी और इसके लिए 80 बक्से मंगवाए गए. छापेमारी के दौरान घर के अंदर और बाहर दोनों जगह पुलिस बल को तैनात किया गया था.
सामने आया GST चोरी का बड़ा खेल
दरअसल, पीयूष जैन पर आरोप है कि उसने कई फर्जी फर्मों के नाम से बिल बनाकर करोड़ाें का जीएसटी चोरी किया. छापे में 200 से अधिक फर्जी इनवॉइस और ई-वे बिल मिले हैं. अब धिकारी इस बात का पता लगाने में जुटे हैं कि ये खेल पीयूष जैन कब से कर रहा था.
सपा ने कहा हम से नहीं कोई संबंध
पीयूष जैन का नाम समाजवादी पार्टी से भी जोड़ा जा रहा है. मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार पीयूष जैन ही वो व्यक्ति है जिसने समाजवादी इत्र बनाया था. इसके बाद से ही बीजेपी पूरे मामले को लेकर सपा पर हमलावर है. साथ ही पीयूष जैने को अखिलेश का करीबी भी बात रही है. हालांकि सपा ने इन सभी आरोपों को निराधार बताया है और कहा कि पीयूष का सपा या अखिलेश यादव किसी से भी कोई संबंध नहीं है.
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