Kanpur News: तीन साल में सबसे ज्यादा हुए हत्या के मामले, पुलिस की रिपोर्ट से खुलासा

Kanpur news: कानपुर में इस साल हत्या की 91 घटनाएं हुई हैं. (न्यूज़18 कार्टून)
Kanpur News: पुलिस ने इस साल क्राइम रिकॉर्ड तैयार किया है, ताकि अपराधों का तुलनात्मक अध्ययन किया जा सके. इससे कई तथ्य सामने आए हैं.
- News18Hindi
- Last Updated: December 25, 2020, 11:43 AM IST
कानपुर. उत्तर प्रदेश के प्रमुख शहरों में से एक कानपुर के लिए साल 2020 कुछ ज्यादा अच्छा नहीं रहा. यहां तीन वर्षों में हत्या की सबसे ज्यादा घटनाएं हुईं. इसका खुलासा पुलिस की ही रिपोर्ट से हुई है. दरअसल, कानपुर पुलिस ने क्राइम रिकॉर्ड तैयार किया है. इसमें जनवरी से 15 दिसंबर 2020 तक के आंकड़ों को शामिल किया गया है. इस रिकॉर्ड से पता चला है कि साल 2018 और 2019 की तुलना में इस साल हत्या की वारदात ज्यादा हुई हैं. रिकॉर्ड के अनुसार, कानपुर में इस साल 15 दिसंबर तक हत्या की 91 घटनाएं हुईं. वर्ष 2019 और साल 2018 में यह आंकड़ा क्रमश: 69 और 85 था.
टेक्नीशियन संजीत यादव का अपहरण व उनकी हत्या ने भी लोगों को झकझोर दिया था. इसी साल संजीत हत्याकांड में फिरौती की रकम फेंकने को लेकर पुलिस की किरकिरी हुई थी. इसी तरह घाटमपुर में दीपावली की रात सामूहिक दुष्कर्म के बाद बच्ची की हत्या और कलेजा खाने जैसी घटना भी प्रकाश में आई. इस वर्ष दुष्कर्म के 60 मामले दर्ज हुए. डीआइजी प्रीतिंदर ने बताया कि कोविड के चलते अपराध कम जरूर हुए, लेकिन निरोधात्मक कार्रवाई भी अपराध कम होने का बड़ा कारण बना.
बता दें कि आमतौर पर क्राइम रिकॉर्ड बनाने के पीछे का उद्देश्य तुलनात्मक अध्ययन करना होता है. इस आधार पर पुलिस और प्रशासन अपराध पर काबू पाने की योजना बनाते हैं, ताकि क्राइम पर अंकुश लगाया जा सके. ऐसे रिकॉर्ड से यह भी पता चलता है कि किस तरह के अपराध के ज्यादा हो रहे हैं, और उनपर किस तरह की कार्रवाई की जरूरत है.
टेक्नीशियन संजीत यादव का अपहरण व उनकी हत्या ने भी लोगों को झकझोर दिया था. इसी साल संजीत हत्याकांड में फिरौती की रकम फेंकने को लेकर पुलिस की किरकिरी हुई थी. इसी तरह घाटमपुर में दीपावली की रात सामूहिक दुष्कर्म के बाद बच्ची की हत्या और कलेजा खाने जैसी घटना भी प्रकाश में आई. इस वर्ष दुष्कर्म के 60 मामले दर्ज हुए. डीआइजी प्रीतिंदर ने बताया कि कोविड के चलते अपराध कम जरूर हुए, लेकिन निरोधात्मक कार्रवाई भी अपराध कम होने का बड़ा कारण बना.
बता दें कि आमतौर पर क्राइम रिकॉर्ड बनाने के पीछे का उद्देश्य तुलनात्मक अध्ययन करना होता है. इस आधार पर पुलिस और प्रशासन अपराध पर काबू पाने की योजना बनाते हैं, ताकि क्राइम पर अंकुश लगाया जा सके. ऐसे रिकॉर्ड से यह भी पता चलता है कि किस तरह के अपराध के ज्यादा हो रहे हैं, और उनपर किस तरह की कार्रवाई की जरूरत है.