यह हम नहीं कह रहे बल्कि ईद के मौके पर शहर में लगे एक होर्डिंग पर यह बात लिखी देखी गई. इस तरह के होर्डिंग्स लगाकर समाजवादी पार्टी के कुछ स्थानीय नेताओं ने इज़रायल और फ़िलिस्तीन के बीच चल रही जंग में अपना विरोध और समर्थन जताने की कोशिश की लेकिन नतीजा कुछ और ही हुआ. लोगों ने इतना विरोध किया कि इन नेताओं को माफी तक मांगनी पड़ी.
फिलिस्तीन के समर्थन और इज़रायल के विरोध में पोस्टरबाज़ी करने वाले इन सपा नेताओं की जानकारी पर पोस्टर से ही सवाल खड़े हो गए. जिस पोस्टर में इज़रायल के प्रोडक्ट्स का बायकॉट करने की बात कही गई थी, उसमें पेप्सी और कोकाकोला समेत कई ब्रांडों के लोगो बनाकर लिखा गया कि इन्हें इस्तेमाल न करें क्योंकि यह इज़रायल बनाता है. जिनका बायकॉट करने को कहा गया, उनमें से ज़्यादातर कंपनियां अमेरिकी और जर्मन हैं.
वास्तव में जो पोस्टर लगवाए गए, उनमें वार्ड 73 के पार्षद प्रत्याशी आबिद हसन के साथ ही सपा के नगर अध्यक्ष डॉ. इमरान के फोटो लगे हैं. खबरों की मानें तो इन पोस्टरों को लगवाने के पीछे सपा से जुड़े जफर खान और मुनाफुद्दीन जैसे स्थानीय नेता थे. शुक्रवार की सुबह फिलीस्तीन का समर्थन करने वाले इन पोस्टरों को लेकर जल्द ही बवाल खड़ा हो गया.
एक समुदाय विशेष से 'उसी समुदाय का समर्थन' जुटाने के नाम पर लगवाए गए इन पोस्टरों के खिलाफ उसी समुदाय के लोग सामने आ गए. इस तरह के विवादास्पद पोस्टर लगवाने का विरोध करते हुए लोगों ने कहा कि मोहल्ले की शांति भंग करने की कोशिश ठीक बात नहीं है. कुछ ही घंटों बाद इन पोस्टरों को उतारा गया, जिन्हें बाद में लोगों ने जला दिया.
लोगों के गुस्से के बाद शुरू में होर्डिंग लगवाने वाले स्थानीय नेता किसी तरह का बयान देने से बचते नज़र आए लेकिन बाद में उन्होंने साफ तौर पर कहा कि इस तरह के पोस्टरों से अगर किसी को तकलीफ हुई तो 'हम माफी चाहते हैं. हमारा मकसद किसी का भी दिल दुखाना नहीं था.'
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FIRST PUBLISHED : May 17, 2021, 13:24 IST