होम /न्यूज /उत्तर प्रदेश /Ramnavmi: यहां आकर चढ़ाइए ताला-चाबी, काली मां हर बंधन से करेंगी मुक्त! 1857 की क्रांति से जुड़ी है आस्था

Ramnavmi: यहां आकर चढ़ाइए ताला-चाबी, काली मां हर बंधन से करेंगी मुक्त! 1857 की क्रांति से जुड़ी है आस्था

मातारानी की कृपा से जब भक्तों की मुराद पूरी हो जाती है तो वो अगले साल आकर ताला खोल लेते हैं.

मातारानी की कृपा से जब भक्तों की मुराद पूरी हो जाती है तो वो अगले साल आकर ताला खोल लेते हैं.

Kanpur Kali devi Temple: मंदिर की देखरेख करने वाली संरक्षक सुप्रिया चटर्जी ने बताया कि यह प्राचीनकाल का मंदिर बताया जात ...अधिक पढ़ें

हाइलाइट्स

कानपुर में अलग मान्यताओं पर आधारित एक काली माता मंदिर है
यहां भक्त आकर ताले बांधते है और अपनी मन्नत मांगते है

कानपुर. देशभर में नवरात्र की धूम है. नवरात्र में माता के मंदिर सजाये जाते हैं. अलग-अलग मंदिरों की अलग-अलग मान्यताएं भी होती हैं. कानपुर में अलग मान्यताओं पर आधारित एक काली माता मंदिर है जिसमे बंगाली माहौल स्थित है. इस मंदिर में बनी मां काली की मूर्ति अद्भुत है, इसके मात्र दर्शन से ही कष्ट दूर हो जाते हैं. दरअसल, मान्यताओं के मुताबिक, यहां भक्त आकर ताले बांधते है और अपनी मन्नत मांगते है, मन्नत पूरी होने पर भक्त उस ताले को खोलकर पूजन व श्रृंगार करते हैं. प्राचीन काल में स्थापित इस मंदिर को औरंगजेब के समय का बताया जाता है. इसकी देख-रेख 1857 की क्रांति के समय से एक बंगाली परिवार कर रहा है.

कानपुर के काली माता मंदिर में नवरात्र के अवसर पर भक्तों की भीड़ उमड़ रही है. भक्त यहां जंजीर में ताला लगाकर माता रानी से अपनी मन्नत मांगते हैं. माता रानी की कृपा से जब भक्तों की मुराद पूरी हो जाती है तो वो अगले साल आकर ताला खोल लेते हैं. और फिर भक्त मंदिर में पूजन कर माता काली का श्रृंगार कराते हैं. मंदिर की देखरेख करने वाली संरक्षक सुप्रिया चटर्जी ने बताया कि यह प्राचीनकाल का मंदिर बताया जाता है, लोगों से सुनने में मिलता है कि काली माता का यह मंदिर औरंगजेब के समय में बनाया गया था. उसके बाद हमारा बंगाली परिवार गदर के जमाने 1857 के बाद से सेवा कर रहा है.

Bhojpuri Actress आकांक्षा दुबे की मौत: मां ने CM योगी से की CBI जांच की मांग, परिवार से मिलीं अक्षरा सिंह

आपके शहर से (कानपुर)

कानपुर
कानपुर
बताया जाता है कि यह मंदिर एक तांत्रिक महाराज जी का था. बंगाली परिवार जब यहां आया तो तांत्रिक महाराज जी ने हमारे पूर्वजों से इस मंदिर की देख-रेख करने को कहा और वह चले गए. जिसके बाद कभी वापस नहीं आए. तब से गदर के जमाने से बंगाली परिवार की कई पीढ़ियां इस मंदिर की देख-रेख करती चली आ रही हैं. नवरात्रि पर यहां लाखों भक्त दर्शन करने आते हैं, उनमें अलग-अलग शहरों से भी लोग यहां पहुंचते हैं .

Tags: Hindu Temple, Kanpur News Today, Navratri Celebration, Navratri festival, UP news, Yogi government

टॉप स्टोरीज
अधिक पढ़ें